गुरुवार, 24 दिसंबर 2015

आर्थिक स्वतंत्रता

वह दिन छु हुए जब नौकरी को एक सुरक्षित विकल्प माना जाता था.सुरक्षित नौकरी जैसी कोई चीज़ अब बची नहीं है. हाल यहाँ तक बुरे होगये है की ज्यादातर लोग  सुबह नौकरी पर जाते है तो उन्हें यह  नहीं पता होता की शाम तक उनकी नौकरी रहेगी की नहीं ? ओर जो लोग अपनी नौकरी बचा पाने में सफल है वह सिर्फ कोहलू के बैल बनकर रह गए है. सुनने में यह बात बहुत कडवी लगती है परन्तु आप भी जानते है यही सत्य है. ऐसे हालात में आर्थिक स्वतंत्रता की बात करना या उसके बारे में सोचना भी उन लोगों के लिए एक मुस्किल टास्क है जो उपरोक्त परिस्थिति से झुझ रहे है. यहाँ यह बताना जरुरी है की ज्यादातर इन्सान आर्थिक स्वतंत्रता के मायने अमीरी, करोडपति या अरबपति होने से जोड़ते है. लोगों में भ्रांती फैली है की सिर्फ पैसे वाले लोग या आमीर ही आर्थिक रूप से स्वतंत्र होते है. यह सत्य तो है लेकिन पूरा नहीं. निम्न मध्यम वर्गीय और मध्यम वर्गीय भी आर्थिक रूप से पूर्ण स्वतंत्र हो सकते है. जी नहीं हम किसी जादू या कोई अलादीन के चिराग की बात नहीं कर रहे जिसके जरिये यह चमत्कार होता है. यह कैसे संभव है इस बात की चर्चा हम करेंगे. पिछले दिनों इस विषय पर सोशल मिडिया, अखबार, टीवी आदि पर बहुत बहस छिड़ी थी खासतौर से सोशल मिडिया में लोग बहुत खुबसूरत सन्देश दे रहे थे. बड़ी बड़ी बातें होरही थी. हम सभी लोग एक दुसरे को मोटीवेट कर रहे थे. कुल मिलकर एक सकारात्मक माहोल बना था बल्कि अभी भी है लेकिन वह तीव्रता नहीं है. खैर.....बात यह है की इस बहस में जो भी चर्चा हुई उपरीतौर पर ही इसका बोलबाला रहा परन्तु व्यवहारिकता में शुन्य रही. इसलिए हमने एक ऐसे प्लेटफार्म की जरुरत है, जहा पर हम जो सैधांतिक बाते कर रहे है जो हमरे दिल को छु रही है जो हमारे दिमाग को झंझोड़ रही है वाही सैद्धांतिक तथ्यों को प्रायोगिक रूप में कैसे बदले और इस बात पर अमल कैसे हो.


आपकी अपनी आर्थिक स्थिति की बागडोर आपके हाथों में है. आप या तो धन के मालिक होते है या फिर इसके गुलाम. विकल्प आपको चुनना है. वर्तमान समय में हर जगह छंटनी का बोलबाला है, इसलिए हर व्यक्ति को चिंता सता रही है की भविष्य में न जाने क्या होगा? इसलिए लोग अब पुरे होशोहवास में आकर अपनी आर्थिक स्थिति का दुबारा आंकलन करने में जुटे है. धीरे-धीरे उन्हें यह एहसास होरहा है. आप लोगो को यह बात मालूम ही है, हममे से हर एक को खास गुणों ओर योग्यताओं का वरदान मिला है, जिनकी बदोलत हम अनूठे बनते है. कुछ लोग बेहतरीन डांसर होते है जबकि बाकी लोग संगीत पर अपने पैर भी नहीं चला पाते. इसमें से कई लोगो में कलात्मक योग्यता होती है जबकि बाकी लोगो को साधारण तस्वीर बनाने में दिक्कते आती है. हममे से कई अच्छे खिलाडी होते है जबकी बाकी तो बिना लडखडाये दौड़ भी नहीं सकते. लेकिन बिना किसी अपवाद के हममे से हर व्यक्ति एक चीज में बडा माहिर होता है ओर वह चीज़ है नक़ल.


क्या आपने कभी सोचा है कि हम नक़ल में किताने माहिर होते है ? इस क्षेत्र में हमारी प्रतिभा कूट कूट कर भरी है. परुन्तु हम दौलत बनाने की नक़ल का तरीका क्यों नहीं खोज पाए ? हमारी नक़ल उसी दिन से शुरू हो जाती है जिस दिन हम पैदा होते है हमारी भाषा.....खान –पान.......चाल – ढाल .......कपडे पहनने का तरीका .....हर चीज़ में नक़ल होती है. नक़ल इन्सान को मिला सबसे शक्तिशाली क्षिशन साधन है. यह हमारे जिंदगी के हर पहलू पर असर डालती है, जिसमे छोटी –छोटी आदतों से लेकर जिंदगी बदलने वाले बड़े निर्णय शामिल होते है. उदहारण के लिए हम अपनी जिंदगी का एक बडा हिस्सा काम करने में बिताते है नौकरी करने में बिताते है. शायद उन्हें पता ही नहीं है की पैसा कमाने के दुसरे स्त्रोत भी होते है. या शायद उन्हें यह लगता है की नौकरी के आलावा कुछ भी करने में वह सक्षम नहीं है. इसलिए दुनिया में सिर्फ 5% ही लोग आर्थिक स्वतंत्रता का स्वाद चख रहे है. बाकि 95% लोग उन्हें देखकर अपनी किस्मत को कोस रहे है. जबकि हमारा निजी विचार यह है की नौकरी करना सबसे मुश्किल काम है. मुझे लगता है की जैसे तैसे जिंदगी गुजरने के बजाये वाकई तरक्की करना चाहते है तो उनको अपनी गलत मान्यतोँ को बहार निकलना होगा और  दौलत बनाने के वैकल्पिक तरीकों के प्रति अपने दिमाग को खोलना होगा. दौलत का मतलब अलग –अलग लोगो के लिए अलग – अलग होता है. हमारे लिए दौलत का मतलब पूरी स्वतंत्रता. दौलत का मतलब इतना पैसा और समय होना है ताकि आप जो चाहें जब चाहें कर सके. आर्थिक स्वतंत्रता यही होती है की जो यह चुन सके की वह अपना समय और पैसा कैसे खर्च करे. आप लोग देखते ही होंगे की आमिर और आमिर होते जा रहे है. इसका मुख्य कारण यह है की वह लोग बचत से ज्यादा उस पैसे को बढ़ाने के स्त्रोत खोजने में विश्वास करते है परन्तु ज्यादातर लोग उस पैसे को बचत में लगते है, लेकिन बचत का उद्देश्य निर्धारित नहीं करते की वह बचत किस चीज़ के लिए कर रहे है. जैसे मकान, बच्चों की क्षिषा, सेवा निवृति, चिकित्सा आदि


लेकिन यह खास बात यह है की आज की परिस्थिति को देखकर बचत से ज्यादा अच्छा विकल्प यह है की  अपनी ओर अपने परिवार की आय (income) के स्त्रोत बढ़ाये. यही एक ऐसा तरीका है जो आपको आर्थिक स्वतंत्रता की तरफ बढ़ने में सहायक होगा.आपकी एवं आपके परिवार की उन्नति हमेशा अग्रसर होगी. इसलिए बचत के तरीके खोजने से अच्छा है अपनी income को बढाने के लिए आनेवाले अवसरों को नजरअंदाज न करे ताकि आपकी तरक्की में कोई रुकावट पैदा न हो.


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