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शनिवार, 22 अगस्त 2020

व्यवसाय करना चाहते है पहले क़ानूनी आवश्कताओं को जानें

अगस्त 22, 2020

Legal Requirements for Starting a Business in India I Types of Business Incorporation I Documents Required for Startup I Obtain Digital Signature Certificate I Compliance Under Labour Law in India  


यदि आप कोई व्यवसाय शुरू करना चाहते है तो उसे क़ानूनी तौर पर सारी औपचारिकता पूरी होना जरुरी हैI आपको सभी कानूनी कागजी कार्रवाई पूरी तरह से करनी चाहिए ताकि व्यवसाय के प्रवाह में गड़बड़ी न हो। यदि आप कोई व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, लेकिन आप क़ानूनी औपचारिकता से अनभिज्ञ है , तो चिंता न करें। हम आपको भारत में एक नया व्यवसाय शुरू करने के लिए सभी कानूनी शर्तों और कानूनी आवश्यकताओं की पूरी जानकारी से अवगत कराते हैं। 

व्यवसाय संयोजन के प्रकार (Types of Registration) 

अपनी व्यावसायिक इकाई का संयोजन करना एक नया व्यवसाय शुरू करने की दिशा में पहला कदम है। आपको पता होना चाहिए कि निगमन करने से पहले आप किस तरह का व्यवसाय करना चाहते हैं, क्योंकि सभी के अपने नियम और कानून हैं। भारत में व्यापार के सामान्य प्रकार नीचे दिए गए हैं: 

1. एकमात्र प्रोप्राइटरशिप कंपनी (Sole Proprietorship Company) 

यह सभी व्यवसाय निगमन (incorporation) का सबसे सरल रूप है- एक अकेला व्यक्ति व्यवसाय चलाता है और वह अकेले ही सभी आय, हानि और ऋणों के लिए जिम्मेदार होता है। यह शुरू करने के लिए अत्यंत सरल है और अन्य निगमन की तुलना में कम प्रलेखन (documentation ) की आवश्यकता है। इसका बड़ा नुकसान यह है कि मालिक की देनदारी असीमित है- यदि व्यवसाय वित्तीय संकट में चलता है और ऋण बकाया नहीं रहता है, तो इसके लिए केवल एकमात्र मालिक को जिम्मेदार माना जाएगा। 

2. साझेदारी कंपनी (Partnership Company) 

यह कंपनी का प्रकार एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा संचालित किया जाता है। कार्य और लाभ सभी भागीदारों के बीच विभाजित हैं। कंपनी के लिए किए जाने वाले फैसलों पर सभी भागीदारों के साथ चर्चा की जानी चाहिए, तभी इसे पारित किया जा सकता है। अन्य भागीदारों की सहमति के बिना शेयरों को कभी भी दूसरों के पक्ष में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। 

3. सीमित देयता भागीदारी (Limited Liberality Partnership) 

जैसा कि नाम से पता चलता है कि यह एक तरह की साझेदारी है जहां सभी भागीदारों के लिए सीमित दायित्व हैं। इस तरह के निगमन में भी, न्यूनतम 2 सदस्यों या भागीदारों की आवश्यकता होती है। 



4. प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (Priveted Limited Partnership) 

प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में कई शेयरधारक (shareholder) होते हैं। इकाई की कुल पूंजी कई शेयरों से बनी होती है। जो लोग कंपनी के शेयर के मालिक हैं वे मालिक बन जाते हैं। शेयरों को किसी अन्य व्यक्ति को बेचा / स्थानांतरित किया जा सकता है जो बदले में कंपनी का मालिक बन जाता है। इस प्रकार के निगमन का मुख्य लाभ यह है कि यदि कंपनी वित्तीय संकट से ग्रस्त है तो शेयरधारकों को अपनी संपत्ति खोने का कोई जोखिम नहीं होगा, क्योंकि शेयरधारकों की वित्तीय देनदारियां उनके शेयरों तक सीमित हैं। 



5. एक व्यक्ति कंपनी (One Person Company) 

यह मुख्य रूप से उद्यमियों की मदद के लिए शुरू किया गया एक नया प्रकार का व्यवसाय निगमन है, जैसे कि आप बिना किसी साझेदार के खुद उद्यम शुरू करना चाहते हैं। ओपीसी बहुत सारे लाभ के साथ आता है, सबसे बड़ी बात यह है कि ओपीसी में केवल एक सदस्य की आवश्यकता होती है, जबकि अन्य प्रकार के निगमन के लिए न्यूनतम 2 सदस्यों की आवश्यकता होती है। एक अन्य प्रमुख लाभ यह है कि ओपीसी एक अलग कानूनी इकाई है और अपने शेयरधारकों को देयता संरक्षण प्रदान करता है। 

कंपनी के नाम का पंजीकरण (Registration of company Name) 

प्रौद्योगिकी की प्रगति के साथ, कंपनी का पंजीकरण करना आसान हो गया है। आप अधिकांश औपचारिकताओं को ऑनलाइन पूरा कर सकते हैं। आपको पहले उस प्रकार के निगमन का चयन करने की आवश्यकता है जिसे आप उसके साथ आगे बढ़ाना चाहते हैं। इसके आधार पर आपको प्रक्रियाओं के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है। 

कंपनी के नाम का पंजीकरण MCA (कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय) की वेबसाइट पर किया जा सकता है। आपको अपनी कंपनी का नाम पंजीकृत करने और स्वीकृति प्राप्त करने के लिए कुछ फ़ॉर्म भरने होंगे। यदि आपके पास आवश्यक ज्ञान नहीं है, तो यह अनुशंसा की जाती है कि आप एक चार्टर्ड अकाउंटेंट जैसे विशेषज्ञ से मदद लें। 


व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents for Business Establishment) 

नीचे कुछ सामान्य दस्तावेज दिए गए हैं जो भारत में कंपनी को पंजीकृत करते समय आवश्यक हैं। 

व्यापार में शामिल सभी निदेशकों / भागीदारों / मालिकों के पहचान प्रमाण 

व्यवसाय में शामिल सभी निदेशकों / भागीदारों / मालिकों का पता 

व्यवसाय में शामिल सभी निदेशकों / भागीदारों / मालिकों के पैन नं 

दुकान और स्थापना लाइसेंस 

आपके व्यावसायिक प्रतिष्ठान का पता 

आपके द्वारा किए जाने वाले व्यवसाय के प्रकार के आधार पर सटीक दस्तावेज़ भिन्न हो सकते हैं। 



जी. एस. टी. पंजीकरण कैसे करें (How to Apply for GST Nomber) 

भारत में GST पंजीकरण प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। आप www.gst.gov.in पर जा सकते हैं और रजिस्टर पर क्लिक कर सकते हैं, जहां आपको मोबइल नंबर और ईमेल आईडी के साथ आवश्यक बुनियादी जानकारी भरनी है। एक बार जब आप आगे बढ़ते हैं, तो आपके मोबाईल नंबर और मेल आईडी पर ओटीपी उत्पन्न होगा। 
एक टीआरएन (अस्थायी संदर्भ संख्या) ओटीपी के साथ उत्पन्न किया जाएगा। TRN पीढ़ी की तारीख से 15 दिनों के लिए वैध है। आपको अपना आवेदन जमा करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ डेटा भरना होगा। 

पहले दस्तावेजों की जांच करने और HSN और SAC कोड सहित आवश्यक विवरणों के साथ आवेदन को दर्ज करने के लिए पेशेवरों की मदद से पंजीकरण परेशानी मुक्त है। एक बार दायर करने के बाद, आवेदन को उपयुक्त अधिकारी द्वारा जांच की जाएगी और उसके अनुसार बदला जाएगा। 

पंजीकरण के बाद निर्देशों का एक सेट खाता प्रमाण के साथ पंजीकरण प्रमाणपत्र डाउनलोड करने के लिए प्रदान की गई ई-मेल आईडी पर भेजा जाएगा। 

अपने राज्य की गाइड लाइन देखें (State Specific Guidelines & Procedures) 

हर एक राज्य के पास कानूनी रूप से व्यवसाय स्थापित करने के लिए दिशानिर्देशों और प्रक्रियाओं का अपना सेट होता है। भविष्य के झंझटों को कम करने के लिए आपको अपने राज्य द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना चाहिए। अपने शहर में प्रचलित नियमों और दिशानिर्देशों की बेहतर समझ के लिए, एक सलाहकार या एक अधिकारी या एक चार्टर्ड एकाउंटेंट से संपर्क करें। 


बैंक में करंट अकाउंट खोलें (Open Current Account in Bank) 

एक वर्तमान खाता आम तौर पर व्यापारिक संगठनों द्वारा व्यावसायिक लेनदेन करने के लिए खोला जाता है। एक चालू बैंक खाता आपको बिना किसी ब्याज के बहुत बड़ा लेनदेन करने की अनुमति देगा। हां, आपके वर्तमान बैंक खाते में कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं होगा। इस प्रकार, अधिकांश बैंक आपको चालू बैंक खाता खोलने पर कई अतिरिक्त लाभ प्रदान करते हैं। करंट अकाउंट के साथ सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप पैसे को ओवरड्राइव कर सकते हैं, यानी आप अपने मौजूदा बैलेंस से ज्यादा पैसा निकाल सकते हैं। बैंक उस अतिरिक्त धन पर ब्याज नहीं लगा सकता है या नहीं लगा सकता है। अन्य लाभों में मुफ्त IMPS / NEFT / RTGS, DD, असीमित चेक निकासी आदि शामिल हो सकते हैं। 

उद्योग आधार पंजीकरण (Udyog Adhar Registration
उद्योग आधार योजना का एक मुख्य उद्देश्य छोटे और सूक्ष्म उद्योगों को कानूनी तरीके से आगे बढ़ाना है। पहले पंजीकरण की प्रक्रिया बहुत बड़ी और जटिल थी। इसीलिए हमारे देश के छोटे और मध्यम वर्ग के व्यापारी इस प्रक्रिया से दूर भागते थे। लेकिन अब आप आसानी से उद्योग आधार योजना के तहत अपना व्यवसाय पंजीकृत कर सकते हैं। 

डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र प्राप्त करें (How to Get Digital Signature Certificate) 

प्रस्तुत किए जाने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों की प्रामाणिकता के लिए, आपको एक वैध डिजिटल हस्ताक्षर की आवश्यकता है। डिजिटल हस्ताक्षर केवल उन एजेंसियों से प्राप्त किया जाना चाहिए जो प्रमाणीकरण एजेंसियों के नियंत्रक द्वारा अधिकृत हैं, किसी भी अन्य साधन को अवैध माना जाएगा। डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट की तीन कक्षाएं हैं- जिनमें से तीसरी कक्षा सबसे सुरक्षित है और इसका उपयोग हस्ताक्षरकर्ता की पहचान को सत्यापित करने के लिए किया जाता है। 

ऑनलाइन अधिकृत संगठनों को अपने डिजिटल हस्ताक्षर के लिए आवेदन करें और उन्हें सभी आवश्यक दस्तावेज प्रदान करें। 

कॉपीराइट और ट्रेडमार्क (Copyright & Trademark) 
आज के बाजारों में, अपने ब्रांड को आपसे अलग करना बहुत महत्वपूर्ण है। अपना ट्रेडमार्क पंजीकृत करना आपकी कंपनी के नाम को अद्वितीय बनाने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। एक बार आपका ट्रेडमार्क प्राप्त हो जाने के बाद, आप इसे 10 वर्षों तक उपयोग कर सकते हैं। एक बार जब आप अपना ट्रेडमार्क नाम पंजीकृत कर लेते हैं, तो कोई भी इसका उपयोग नहीं कर सकता, यह आपकी संपत्ति है। 

ट्रेडमार्क के लिए दाखिल करना इन दिनों काफी आसान है, आप इसे अपने घर पर बैठकर भर सकते हैं 

आप कॉपीराइट नीति द्वारा अपनी सेवाओं और उत्पादों की सुरक्षा कर सकते हैं। एक बार जब आप अपने उत्पादों और कार्यों को कॉपीराइट कर लेते हैं तो कोई भी आपके काम को पुन: पेश या कॉपी नहीं कर सकता है। कॉपीराइट के लिए पंजीकरण करना भी काफी आसान है और इसे घर से किया जा सकता है। 

किराए का अनुबंध (Rental Agreement) 

यदि आप किसी और की संपत्ति पर व्यवसाय स्थापित कर रहे हैं, तो आपको इसे कानूनी रूप से करना चाहिए। किराये का अनुबंध एक अनुबंध है जहां आप मासिक या सालाना संपत्ति के मालिक को किराए का भुगतान करने के लिए सहमत होते हैं। इस समझौते पर हस्ताक्षर करने से आपको संपत्ति का उपयोग करने का अधिकार स्थानांतरित हो जाता है। 

FSSAI भी समझें (What is FSSAI) 

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के तहत स्थापित एक स्वायत्त निकाय है। FSSAI खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत स्थापित किया गया है, जो भारत में खाद्य सुरक्षा और विनियमन से संबंधित एक समेकित क़ानून है। 

भारत में किसी भी खाद्य व्यवसाय का संचालन शुरू करने से पहले FSSAI लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है। सभी व्यापारियों, निर्माताओं, रेस्तरां जो खाद्य व्यवसाय से जुड़े हैं, उन्हें 14-अंकीय लाइसेंस संख्या प्राप्त करनी चाहिए जो उनके खाद्य उत्पादों पर मुद्रित होती है 

अपनी कंपनी के नाम के साथ एक स्टाम्प बनाएँ (Make Your Company Name Stamp ) 

आपके पास अपने इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को प्रमाणित करने के लिए आपका डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र है, लेकिन कागज और कलम के काम के लिए आपको एक स्टाम्प की आवश्यकता है। कई ऑनलाइन व्यापारी हैं जो इस तरह की सेवा प्रदान करते हैं; आपके पास कंपनी के नाम के साथ स्टाम्प निर्माण के लिए आवश्यक सभी कानूनी दस्तावेज होने चाहिए। 

भारत में श्रम कानूनों के तहत अनुपालन (Acceptation of Labour Law in India) 

श्रम कानून कर्मचारियों, नियोक्ताओं और सरकार के बीच संबंधों से संबंधित है। व्यक्तिगत श्रम कानून काम के अनुबंध के माध्यम से काम करने के कर्मचारी के अधिकार से चिंतित हैं। अनुबंध कार्यकर्ता और नियोक्ता के बीच हस्ताक्षरित है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियम हैं। यदि नियोक्ता कानूनों का पालन करने में विफल रहता है, तो सरकार हस्तक्षेप कर सकती है और दंड दे सकती है। 

एक व्यवसाय शुरू करना एक बोझिल प्रक्रिया है, लेकिन अगर इसे ठीक से किया जाए, तो यह भविष्य की समस्याओं में भाग लेने के जोखिम को कम करता है। प्रक्रियाओं को अधिक से अधिक सरल बनाया जा रहा है और भारत में जीएसटी की शुरूआत व्यापार करने में आसानी को बढ़ाने में मदद करेगी। आपको कानूनी रूप से व्यवसाय शुरू करना चाहिए और सभी आवश्यक करों का भुगतान करना चाहिए। हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको अपना नया व्यवसाय स्थापित करने में मदद करेगा। 

आपको यह आर्टिकल कैसा लगा ? हम उम्मीद करते है इस लेख के द्वारा आपको दी गई जानकारी से आपको काफी कुछ नया जानने को मिला होगा. 

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बुधवार, 13 मई 2020

वक्त है बदलाव का...... फिजिकल से डिजिटल (Digital) बने

मई 13, 2020

DIGITAL INDIA I DIGITAL IMPACT I DIGITIZATION I DIGITAL SEWA I DIGITAL MARKETING I GLOBALIZATION I DIGITAL BUSINESS I DIGITAL LOCKER I ONLINE CLASS I DIGITAL IDEAZ 

कोरोना के चलते आज पूरा विश्व कठिन दौर से गुजर रहा है. घर की देहलीज अब लक्ष्मण रेखा बन गयी है. एक छिंक से भी दिल सहम जाता है, इतना खौफ पैदा हो गया है. इस डर के माहौल में जिंदगी को आगे ले जाना बहुत बड़ी चुनौती है. संकट कितना भी बड़ा क्यूँ न हो इन्सान को साहस कभी नहीं छोड़ना चाहिये.क्यूंकि मानव ने हमेशा अपनी इसी हिम्मत और अपनी बुद्धि तथा विवेक से मार्ग निकलना है.

जैसा की आप सभी जानते है #covid 19 के काले बादल छाए हुये है. पूरी दुनिया नजरबंद है. लोगो की जीविका पर बहुत विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. अभी तक इसका कोई प्रभावी वेक्सिन इजाद हुई नहीं है. हमेशा तो लॉक डाउन में रहना संभव नहीं है. हमें अपनी जीविका के लिए लक्ष्मण रेखा लांघना पड़ेगा ही लेकिन साथ में कई प्रकार की सावधानियां एवं सरकार के द्वारा दिशा निर्देशों का पालन करना होगा. 

हमेशा याद रखिये कि सफलता के लिए किया गया आपका अपना संकल्प किसी भी और संकल्प से ज्यादा महत्त्व रखता है

कुल मिलाकर ऐसा समझा जा सकता है की अब हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी. जिसका असर यह होगा की हमारी पूरी लाइफ स्टाइल बदलना होगा. यह बदलाव किस तरह का होगा ? क्या - क्या बदलेगा ?? अभी ज्यादा कुछ कहना मुश्किल है लेकिन एक बात तो तय है इसका व्यापक असर व्यवसायों पर जरुर पड़ेगा.

जानकार मानते है की इन विशम परिस्थियों में व्यवसायों का स्वरुप बदलेगा. छोटा व्यापारी हो या बड़ा उसे अपने व्यवसाय में वर्त्तमान परिस्थिति तथा कार्य प्रणाली के अनुसार बदलना पड़ेगा. जानकारों की माने तो अलग – अलग परिवर्तन होंगे जिनमे से एक है डिजिटल होना.रेहड़ी से लेकर बड़े बड़े कॉर्पोरेट को डिजिटल माध्यम में आना ही होगा. यही आने वाले समय की मांग है.

क्या है डिजिटल मीडियम


मीडिया का अर्थ है एक प्रकार का साधन. दूर संचार के लिए जिन साधनों का या मीडियम का इस्तेमाल किया जाता है उसे संचार मीडिया कहा जाता है ठीक उसी प्रकार से यदि हमें किसी जानकारी को इन्टरनेट के माध्यम से पाना है या इन्टरनेट पर प्रकाशित करना है तो हमें वेबसाइट खोजनी या खोलनी पड़ती है. यह वेबसाइट हमारे सामने तबतक नहीं आ सकती जब तक हम इन्टरनेट से जुड़े हुए न हों.


इस उदाहरण में इन्टरनेट एक साधन है और डिजिटल मीडियम है. कई डिजिटल मीडियम मिल के डिजिटल मीडिया बन जाते है.

वेबसाइट को खोजने के लिए हमें एक फ़ोन या कंप्यूटर चाहिए जिसमे इन्टरनेट होना चाहिए इन्टरनेट या तो LAN के माध्यम से या wifi के माध्यम से हमारे उपकरण से जुड़ा होता है. ये सभी साधन डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक मीडियम हैं.

इन सभी मध्यम का उपयोग मार्केटिंग में भी किया जा सकता है | हम ये भी कह सकते हैं की इन माध्यम का प्रयोग करने वाले उपभोक्ताओं को ध्यान में रख के मार्केटिंग के नए तरीके सोचे व खोजे जा सकते हैं.





डिजिटल की उपयोगिता उद्यम में


जी हाँ बहुत आसान है कहना की हम अपने व्यवसाय को digitise कर देंगे. लेकिन इसके लिए सर्व प्रथम डिजिटल माध्यम को समझना होगा. इसकी बारीकियों और तकनिकी को जानना होगा. यह तकनीक आपके व्यवसाय में किस प्रकार से कार्य करेगी यह निशिचत करना जरुरी होगा.

कौन कौन से विशेषज्ञों की आपको जरुरत होगी अपने उद्यम को विस्तारित करने के लिए इसे भी समझना होगा.

बड़े उद्यमियों के लिए यह कार्यान्वित करना सुलभ होगा, क्यूंकि उनके पास फंड्स होते है, स्त्रोतों की कमी नहीं होती है.उनके लिए इसका निष्पादन करना आसन है.लेकिन जो बिलकुल ही छोटे और लोकल स्तर पर है उनके लिए यह भी एक और चुनोती है. 

असफलता से सफलता का सृजन कीजिये. निराशा और असफलता, सफलता के दो निश्चित आधार स्तम्भ हैं

डिजिटल प्रभाव


डिजिटल दुनिया वैश्विक होती जा रही है. इसकी दुनिया काफी तेज है और इसमें बेशुमार मौके छिपे हैं. तकनीकी परिवर्तन हमेशा से दोधारी तलवार की तरह रहा है, जिसमें जोखिम और मौके दोनों होते हैं. हम जोखिम का अंदाजा आसानी से लगा सकते हैं, लेकिन उसमें बड़े मौके भी छिपे होते हैं.

डिजिटाइजेशन के साथ भी यही है. इसमें आम आदमी को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की क्षमता है. वैश्विक बाजार तक आसानी से पहुंचने की राह मुहैया कराने में इसका बड़ा योगदान है. विशेषज्ञों का मानना है कि इसके माध्यम से कम से कम निवेश में ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा सकता है.

सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से सार्वजनिक सेवाओं के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने के लिए, भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को भारत को एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए जारी किया है. 



निष्पादन कैसे करे


बड़े बड़े कॉर्पोरेट के पास उनकी डिजिटल टीम होती है जो की कंपनी के लिए सारी डिजिटल योजना बनती है.परन्तु सवाल उन्ही का है जो बिलकुल ही लोकल स्तर पर अपना छोटा सा व्यवसाय करते है. हम यहाँ एक उदहारण से समझेंगे की डिजिटल माध्यम से कैसे अपने व्यवसाय को आनेवाली चुनोती के लिए तैयार कर सके.

रोड साइड पर गोल गप्पे की रेहड़ी लगाने वाला भी digitize हो सकता है.

गोल गप्पे हमारे देश में बहुत पसंद और खाए जाते है. रेहड़ी वाला जिस स्थान पर खड़ा होता है उस स्थान से दो तीन किमी परिधि में सोशल मिडिया के माध्यम जैसे फेसबुक,इन्स्टाग्राम आदि से अपने व्यवसाय का विज्ञापन विडियो या पिक्स के माध्यम से कर सकता है. छोटी छोटी विडियो क्लिप्स बनाकर लोगो को यह बता सकता है की उसके यहाँ hygiene का बहुत ध्यान रखा जाता है.जिससे उसकी सेल बढ़ने में मदद होगी. वह अपने नियमित ग्राहकों से requset कर सकता है की उसके विडियो लोग अपने अपने व्हाट्स अप ग्रुप तथा अन्य सोशल मिडिया ग्रुप में शेयर करे. आनेवाले दिन सोशल डिसटेनसिंग के है ऐसे में वह व्हाट्सअप या अन्य माध्यम के जरिये online टोकन सुविधा तथा होम डिलेवरी भी कर सकता है. 

एक सफल व्यक्ति वह है जो औरो द्वारा अपने ऊपर फेंके गए ईंटों से एक मजबूत नीव बना सके

जहाँ चाह है वहां राह है. थोडा सा क्रिएटिव तथा अलग सोचने की जरुरत है. चुनौती खुद ब खुद अवसर बन जायेगी.


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बुधवार, 29 अप्रैल 2020

यदि व्यवसाय में शीर्ष पर रहना चाहते है तो innovation (इनोवेशन) का महत्त्व को पहचाने

अप्रैल 29, 2020

Importance of Innovation in Start up I Startup India I Innovation & Creativity I Innovation Center I Small Business I


भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है की परिवर्तन ही संसार का नियम है इससे मनुष्य जाती को भय नहीं होना चाहिये बल्कि उसमें छुपे अवसरों को खोजना ही सफलता का मूल रहस्य है. आज के समय रोज कोई न कोई बदलाव हम रोज देखते है. चाहे वह सामाजिक, राजनितिक,आर्थिक या वैचारिक या अन्य कई बदलाव है जो हम देखते है. बदलाव अच्छा भी हो सकता है और निराशाजनक भी लेकिन यह होगा ही क्यूंकि परिवर्तन ही संसार का नियम यह हम सब जानते है. जिस तरह संसार, समाज में परिवर्तन का महत्व है वैसे ही व्यवसाय में नवप्रवर्तन का अत्याधिक महत्व है. नवप्रवर्तन मायने इनोवेशन (innovation). सदियों से उद्यमिता के क्षेत्र में इनोवेशन होते रहे हालाँकि इनकी गति काफी धीमी रही लेकिन मानव कल्याण और जरूरतों के चलते इनोवेशन पर अच्छा काम हुआ है. यह दौर था 1900 का जब लोग रेडियो पर अपने पसंदीदा कार्यक्रम सुनते थे वही उनके लिये अजूबा था वह लोग कल्पना भी नहीं कर सकते थे कभी ऐसा रेडियो होगा जिसके अन्दर चित्र भी दिखेंगे. टेलीविज़न का इनोवेशन हुआ. पुराने रीती रिवाज, परम्परा. सिस्टम, तकनीक आदि व्यवस्था जो चले आरहे है उसे समाप्त कर नविन प्रणाली,तंत्र,पध्हती, योजना या व्यवस्था को लाना नवप्रवर्तन या इनोवेशन कहलाता है. यदि इस कथन को गहराई से समझा जाये तो कहा जा सकता है, विचारो की नवीनता और उत्साह ही इनोवेशन की जान है. इनोवेशन में ज्ञान इतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना आपकी जिज्ञासा और जीवट.
बड़ा आदमी वह है जो अपने पास बैठे इंसान को छोटा महसूस ना होने दे 

व्यवसाय में इनोवेशन(importance of innovation in Hindi) 


वास्तव में इनोवेशन का मतलब परिवर्तन या बदलाव से है. कई जानकर इसे इस तरह भी परिभाषित करते है इनोवेशन एक एसी नयी पद्धति है जो मौलिक और अधिक प्रभावशाली होने के साथ साथ समाज और बाजार में भी क्रांति लाये. यदि हम व्यवसाय की दृष्ठि से देखें तो लगभग रोज ही इनोवेशन हो रहें है. वर्त्तमान समय में उद्यमिता में भी नवप्रवर्तन का बहुत ही ज्यादा महत्व हो गया है. वर्तमान समय में प्रतिस्पर्धा बहुत बढ़ गयी है. और इसका ग्राफ आगे भी बढ़ना जारी रहेगा. आज का उपभोक्ता भी अत्यधिक जागरूक है वह वही उत्पाद लेगा जिसमे उसको लाभ मिलेगा. आज कम दाम के साथ प्रोडक्ट की गुणवत्ता भी चाहते है लोग.इसलिये मार्किट में बने रहने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. आज व्यवसायी को काफी सारे सरकारी राजस्व का बोझ भी उठाना पड़ता है. व्यवसायी को मार्किट में अपने आप को अग्रणी रखना बहुत बड़ी चुनौती है. उसके बावजूद भी वह यह सुनिशिचित नहीं कर पाता की वह अपने व्यवसाय को कितने समय तक मार्किट में अधिकार रख पायेगा. लेकिन अब व्यवसाइयों का दृष्टिकोण बादल रहा है उन्हें लगने लगा है की यदि बाजार में अपना प्रभुत्व रखना है तो नवप्रवर्तन को अपनाना होगा. इस दिशा में काम करना होगा. क्युकी यही एक तरीका है अपने व्यवसाय को हमेशा प्रगति की राह पर अग्रसर कर पाएंगे. यह बात हमेशा याद रखिये आप उद्योगपति हो SME या फिर आप वडा पाव का स्टाल ही क्यूँ न लगाते हो इनोवेशन के बगैर आपकी गाड़ी बढ़ नहीं पायेगी. 

इनोवेशन की शक्ति(innovation power) 


भारत ही नहीं बल्कि पुरे विश्व मे startup की संख्या तेजी से बढ़ रही है. हम इन्हें इक्कीसवी सदी की सबसे बड़ी उपलब्धि भी कह सकते है. सोचिये जरा आज से आज से पचास साल पहले कोन बोल सकता था की भारत में पानी भी बिकेगा या पिज़्ज़ा जैसी चीजों के व्यवसाय से अरबो खरबों रुपये कमाये जा सकते है.लेकिन यह सब संभव हुआ रचनात्मकता और नवप्रवर्तन के चलते. इसी का ज्वलंत उदहारण है आज का morden business की खोज इनोवेशन. आज व्यवसायी को इनोवेशन के लिये अपना माइंड सेट करने की सबसे ज्यादा आवशकता है.आप कोई भी व्यवसाय कारते हो छोटा या बड़ा यदि आप लगातार अपने उत्पाद या सेवा में या व्यवसाय के स्वरुप में नवप्रवर्तन या इनोवेशन करने का प्रयास करते रहेंगे तो आप अपने व्यावसायिक क्षेत्र के राजा रहेंगे, भले ही कितनी भी मंदी का दौर आये या गिरती इकनोमी की आंधी. जो व्यावसायिक संगठन इनोवेशन के क्षेत्र में पीछे रह जाते है उनके लिए मार्किट में बना रहना भी बहुत बड़ी चुनौती हो जाती है. 

हमेशा जीत और हार आपकी सोच पर निर्भर करती है, मान लो तो हार होगी, ठान लो तो जीत होगी !

रचनात्मकता और नवप्रवर्तन(creativity & innovation) 


इनोवेशन और creativity का चोली दामन का साथ है. क्यूंकि जो लोग क्रिएटिव होते है वह लोग बड़ी आसानी से इनोवेशन के कांसेप्ट को समझते है. रचनात्मकता मानव जीवन का एक विशेष गुण है जो सब लोगो के पास हो यह जरुरी नहीं है. व्यवसायी होने के नाते यदि आप में रचनात्मकता नहीं है तो आपको अपने संगठन के लिये क्रिएटिव लोगो को अपनी कंपनी में रखना होगा जो आपके प्रोडक्ट या सेवा के लिए इनोवेशन का कार्यभार संभालेंगे.यदि आप स्वयं इनोवेशन की रचनात्मकता को समझते है तो इस से बेहतर विकल्प नहीं है. आज दुनियाँ की सारी बड़ी – बड़ी कंपनियां अपना बहुत सारा पैसा, श्रम, समय इनोवेशन के ऊपर खर्च करती है. इसके साथ छोटे व्यवसायी भी इनोवेशन और creativity का महत्व समझ रहे है. इनोवेशन का यह अनोखा गुण सच्ची जिज्ञासा का उत्पाद है.अपनी बुध्ही और विवेक को विस्तार दीजिये और देश दुनियाँ को उसके यथार्थ रूप देखिये. इनोवेशन सिर्फ आपके कल्पना और आपके दिमाग की उपज है. आप दुनियाँ को क्या बेहतर दे सकते है इसकी खोज निरंतर चलती रहे.

नवप्रवर्तन केंद्र(innovation centre) 


नवप्रवर्तन केंद्र ऐसे स्थान हैं जो युवाओं में जिज्ञासु दृष्टिकोण विकसित करने एवं नए विचारों को पोषित करने की सुविधा प्रदान करते हैं. राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद द्वारा विकसित नवप्रवर्तन केंद्र युवाओं को रचनात्मक एवं नवाचार के कार्यों में संलग्न रखती है. ये केंद्र नए विचारों एवं नवाचार को आगे बढ्ने की प्रेरणा देंगे और इस प्रकार बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण समाज एवं अर्थव्यवस्था को भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में मदद करेंगे। विशेषकर, इन नवप्रवर्तन केन्द्रों के माध्यम से विज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में रचनात्मकता बनी रहेगी जिससे आधुनिक विज्ञान में प्रतिभाओं को बनाए रखा जा सकेगा. 

नवप्रवर्तन केंद्र में अवसर (opportunity in innovation centre) 


1. आविष्कार कक्ष 

इस क्षेत्र में 10-15 संवादमूलक विज्ञान प्रदर्श/परीक्षण जो अन्वेषन और अंतर्निहित सिद्धांतों की खोज द्वारा विज्ञान में रुचि जागृत करेंगे। इससे तार्किक सोंच को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. 



2. नवप्रवर्तन संसाधन केंद्र एवं कीर्ति कक्ष 

इस स्थान में वैसे नवीन विचार/उत्पाद/सामग्री संबन्धित आविष्कारक एवं परावर्तकों के साथ प्रदर्शित किया जाएगा, जिन्होने दुनिया को बदल दिया या हमारी जीवन शैली पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है. यथोचित साधनों के माध्यम से उन आविष्कारों/नवाचारों के पीछे की कहानियाँ/प्रेरणाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा, विभिन्न सामग्री/यथोचित तकनीकी नमूने/आविष्कार, पारंपरिक ज्ञान व्यवस्था, कला एवं शिल्प और दैनिक जीवन में आवश्यक अन्य क्षेत्र भी प्रदर्शित किए जाएंगे. 


3. अवधारणा प्रयोगशाला 


इस प्रयोगशाला में रचनात्मकता शौक/गतिविधियों को बढ़ाने के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाएं यथा मोडेल बनाना, बुनियादी विज्ञान प्रयोग, व्यावहारिक उपयोग में आने वाले उपकरणों की डिज़ाइन एवं निर्माण, बेहतर कक्षा समन्वय के लिए शिक्षण किट्स, मिट्टी, पानी एवं खाद्य पदार्थ के नमूनों की जांच जैसे बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. 

1. तोड़, फोड़, जोड़ कोना: यहाँ विद्यार्थी अपने हाथों से उपकरणों को तोड़ कर पुनः उन्हे जोड़ना सीखेंगे. 

2. कबाड़ से जुगाड़ कोना: यहाँ विद्यार्थी दैनिक जीवन में फेंक दिये जाने वाले कबाड़ से वस्तुओं के निर्माण का तरीका सीखेंगे. 

3. अवधारणा बक्सा (आइडिया बॉक्स): यहाँ विद्यार्थी अपने नवप्रवर्तन की अवधारणा को प्रदर्शित कर एक अवधारणा बैंक का निर्माण करेंगे. उनमें से सर्वोत्तम अवधारणा को प्रयोग/मोडेल निर्माण/प्रोजेक्ट कार्य हेतु चयनित किया जाएगा. 

4. परिरूप कक्ष 


यह कक्ष विभिन्न वस्तुओं एवं उत्पादों के निर्माण हेतु रचनात्मक वातावरण प्रदान करेगा। 
नवप्रवर्तन केन्द्रों की सूची: 


1. विश्वेश्वरया औद्योगिक एवं प्रौद्योगिक संग्रहालय, बेंगलुरु में नवप्रवर्तन केंद्र 

2. राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र, दिल्ली में नवप्रवर्तन केंद्र 

3. क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र, गुवाहाटी में नवप्रवर्तन केंद्र 

4. नेहरू विज्ञान केंद्र, मुंबई में नवप्रवर्तन केंद्र 


भीड़ हमेशा उस रास्ते पर चलती है, जो रास्ता आसान लगता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि भीड़ हमेशा सही रास्ते पर चलती है। आपने रास्ते खुद चुने, क्योकि आपको खुद से बेहतर कोई नहीं जानता ! 

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मंगलवार, 31 मार्च 2020

व्यवसाय में विज्ञापन का अहम् रोल

मार्च 31, 2020

Advertising in Hindi I Advertising Process I Advertising Tips in Hindi I Article for Advertising I Benefit of Advertising in Hindi



व्यवसाय करना ही अपने आप में एक बड़ी चुनौती है. लेकिन हर व्यवसायी के लिए अपने उत्पाद की जानकारी या information अपने ग्राहकों तक पहुँचाना भी बहुत बड़ा challenge होता है. यहीं से किसी भी उद्यमी का आगे का सफ़र शुरू होता है. और वह सफ़र कितना आसन होगा वह निर्भर करता है उसके विज्ञापन की रणनीति पर. विज्ञापन अथवा advertisement के द्वारा ही कोई भी व्यवसायी अपने उत्पाद या सेवा की जानकारी (information) को अपने अलग अलग स्तर के ग्राहकों तक पहुंचता है. 

ग्लोबलाईजेशन के युग में advertising का महत्व बढ़ जाता है. आधुनिकीकरण के चलते विज्ञापन के माध्यमो में बहुत ही तेजी आयीं है. साथ ही प्रत्येक व्यवसायी के लिये बजट फ्रेंडली विकल्प भी अनगिनत है. प्रत्येक उद्यमी अपनी सुविध और निवेश को ध्यान में रखकर विज्ञापन की रणनीति को अंजाम दे सकता है. 

यहाँ यह बताना भी जरुरी है की advertising के बहुमुखी आयाम होने की वजह से कई उतपाद ऐसे होते है जिनकी गुणवत्ता और प्रमाणिकता नगण्य होती है इसके बावजूद भी वह प्रोडक्ट मार्किट में अच्छा परफॉरमेंस करते है लेकिन यहाँ उद्यमी को यह समझना आवश्यक है की यह स्टेज बहुत ही आंशिक समय ही रहती है. 

निरंतर विज्ञापन को प्रभावी प्रयोग के होने से उत्पाद की कीमत पर असर पड़ता है इसका ध्यान प्रोडक्ट की कीमत तय करते समय व्यवसायी को अति आवश्यक है. 



विज्ञापन के प्रकार (type of advertising in Hindi) 


advertising एक ऐसी गतिविधि या प्रोसेस है जिसका उद्देश्य अपने प्रोडक्ट या सेवा की जानकारी अपने target कस्टमर्स तक पहुँचाना है. 

विज्ञापन बहु आयामी माध्यम है व्यवसाय के निवेश एवं बजट अनुसार इसे सम्पादित कर सकते है. आधुनिकता के चलते पिछले कई दशकों में इसमें बदलाव आयें है.मोटा माटी देखा जाये तो इसके मुख्यतः दो प्रकार में बाटा जा सकता है. परंपरागत विज्ञापन और डिजिटल विज्ञापन. 

परंपरागत विज्ञापन (traditional advertising in Hindi) 


इसके अंतर्गत print, advertising है जिसमें न्यूज़ पेपर, मैगजीन, हैण्ड बिल, ब्रोशर और होर्डिंग्स है. 

टेलीविज़न और रेडियो परंपरागत विज्ञापन के पुराने एवं सबसे ज्यादा प्रभावी माध्यम है. 


डिजिटल एडवरटाइजिंग (digital advertising) 


रोज नये नये इनोवेशन और आधुनिकता कि तेजी में डिजिटल प्लेटफोर्म का प्रादुर्भाव हुआ. 

डिजिटल विज्ञापन मुख्य रूप से सोशल मीडिया, सर्च इंजिन, वेबसाइट, डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड,मोबाइल फ़ोन आदि कई प्लेटफोर्म उपलब्ध है. 

विज्ञापन का महत्व (importance of advertising) 






इनमें से हमारे उत्पादन के लिए कौन-सा विज्ञापन प्रभावी हो सकता हैं, उस पद्धति से विज्ञापन कीजिए. उत्पादन का खर्चा, यातायात का खर्चा,मजदूरी आदि खर्चा को मिलाकर सब खर्चे करके जब हमारा उत्पादन तैयार होता है, उस विज्ञापन पर कितना पैसा खर्च करके हम अपने उत्पादन की कीमत अन्य उत्पादनों के समान रख सकते हैं इसका लेखा-जोखा देखकर ही विज्ञापनों पर खर्चा करना चाहिये. आपने यदि लघुउद्योग शुरु किया हो तो आपका विज्ञापन, आपका माल जितने कार्यक्षेत्र में बिकेगा उतने ही मर्यादित कार्यक्षेत्र में विज्ञापन कीजिए. इसके लिए लोकल टीवी, रेडियो एवं न्यूज़ पेपर के साथ-साथ पम्प्लेट्स बटवाकर विज्ञापन कर सकतें है. इसके अलावा स्थानीय स्तर पर छोटे-बड़े डिजीटल डिसप्ले लगाकर और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके अपने उत्पादन का विज्ञापन भी कर सकते है. एक विशेष बात का ध्यान रखें जो भी विज्ञापन आप कर रहे है उसकी निरन्तता जरुर रखिये. आपका प्रोडक्ट का विज्ञापन हमेशा लोगो के सामने आता रहना चाहिए ऐसा करने से विज्ञापन का प्रभाव बढ़ जाता है. जैसे-निरमा डिटर्जंट पावडर का विज्ञापन हम सालों-साल देखते हैं. दूध की सफेदी निरमा से आयें, रंगीन कपड़ा भी झील-मील जाये, सबकी पसंद.... यह विज्ञापन और उसका यह जिंगल... ! यह विज्ञापन भारतीयों के मन में इतना बस चुका हैं कि छोटे बच्चों या बूढ़ों तक सब लोग उनके विज्ञापन का घोषवाक्य 

गुणगूनाते हैं. विज्ञापन का प्रभाव जनमानस पर इतना हुआ है.. 'वॉशिंग पावडर' कहने पर लोग निरमा कहते हैं. ग्राहक जब दूकान में वॉशिंग पावडर खरीदने के लिए जाता हैं तब वह 

वॉशिंग पावडर दो कहने की अपेक्षा 'निरमा दो' ऐसा कहता हैं.ऐसा ही ठंडा मतलब coco cola, डालडा मतलब वनस्पति. 

एक्सपर्टस का मानना है की एक प्रभावी विज्ञापन मानव दिमाग में मानसिक प्रभाव डालता है. जिसके कारण ग्राहक अपने आप प्रोडक्ट की ओर खींचे चले आते है. आपके उत्पादन का आप जितना आकर्षक और प्रभावी विज्ञापन करेंगे उतना उत्पादन अधिक बिकने की संभावना बढ़ जाती है. 



विज्ञापन करना यह भी एक कला है। हम टी. वी. पर हमेशा ही विविध उत्पादनों के विज्ञापन पर अभिनेता देखते हैं. हमारे समाज में एक बड़ा वर्ग है जो सिनेमा, टी.वी. सिरीयल के अभिनेता अभिनेत्रियाँ, क्रिकेटर, प्रसिद्ध खिलाडी, हीरोईन के कायल होते है.वह जिस ब्रांड का उत्पादन का इस्तेमाल करते हैं उस ब्रांड का इस्तेमाल ग्राहक भी करना चाहता है और वह उत्पाद खरीद लेता हैं. कारण यह की हमारे पसंद का हीरो फलाना एक ब्रांड का उपयोग करता हैं, इसलिए उसके चाहनेवाले भी वहीं ब्रांड खरीद लेते हैं. जिसका परिणाम यह होता है की उनसे विज्ञापन करने से कंपनी का बिक्री दर बढ़ जाती है. 



विज्ञापन की योजना कैसे करें (advertising planning in Hindi) 


जब भी आप advertising की planning करे तो सबसे पहले ये समझे की इसकी जरुरत क्यूँ है? क्या इसे करने से मेरे व्यवसाय की जरूरते पूरी होती है, कभी- कभी यह देखा गया है की कुछ व्यवसाय या प्रोडक्ट बिना विज्ञापन के भी अच्छा परफॉरमेंस करते है. 

विज्ञापन का भी उद्देश्य होता है. विज्ञापन का मुख्य उद्देश्य यह है की अपने target मार्किट में आपके ब्रांड की जागरूकता या awareness को बढ़ावा देना.साथ में अपने प्रोडक्ट को ग्राहकों को खरीदने के लिए मजबूर या राजी करना.इसके अलावा यह निश्तित करना की समय समय पर आपका प्रोडक्ट रिकॉल (recall) होता रहे. 

आप आपके उत्पादन का कार्यक्षेत्र कितना बड़ा रखेंगे, इस पर विज्ञापन का चयन निश्चित होगा, कितने लोगों तक आपका विज्ञापन पहुँचेगा और उसपर कितना खर्चा होगा इसका अंदाजा लेकर विज्ञापन करना चाहिये. 

थम्स अप जैसे ठंडे पेय का विज्ञापन टी.वी. पर हर दस मिनटों मे आता है. उसका विज्ञापन का खर्चा भी बहुत हैं और बिक्री भी बहुत हैं. उनके उत्पादित माल को उत्पादन के लिए आयें खर्च की अपेक्षा भी अधिक दृष्टी से महंगा पड़ता है. ग्राहक भी उस ब्रांड को पसंद करता है । करोडो रुपयों का उनका टर्न ओव्हर होता हैं। उन्हें वे विज्ञापन महँगे नहीं पड़ते और सिर्फ विज्ञापन के बलपर वे अपना उत्पादन बेचते हैं । ग्राहकों के मनपर उन्होंने अपने विज्ञापन की छाप छोड़ रखी है. ग्राहक को अपना उत्पादन का नाम लेकर माँगने के अप्रत्यक्ष रुप से विवश होता हैं। आप अपना उत्पादन, उसका खर्चा, बिक्री का कार्यक्षेत्र और सामाजिक, राजकीय, आसपास की आर्थिक परिस्थिती इसका अध्ययन कर उत्पादन को किस प्रकार का विज्ञापन प्रभावी होगा इसका अंदाजा लेकर इसकी प्लानिंगकर सकते है साथ ही किसी expert या ऐड एजेंसी की भी हेल्प ले सकते है. 



विज्ञापन के लाभ (benefit of advertising in Hindi) 


अभी तक हमने विज्ञापन के लगभग सभी पहलुओं पर बात की. देखा जाये तो यह उद्यमी के साथ-साथ ग्राहकों के ग्राहकों को भी इसका फायदा होता है. ग्राहकों को प्रोडक्ट चुनने के लिए आसानी होती है क्यूंकि इनको अपने टार्गेटेड प्रोडक्ट की सारी जानकारी होती है. advertising से ग्राहकों को बाज़ार में उपलब्ध सारे ब्रांड की awareness के चलते उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्तित होती है. जिससे उनको निर्णय लेने में आसानी होती है. 

उसी प्रकार उद्यमी को अपने ब्रांड बिल्डिंग में मद्दत मिलती है. खास बात यह है की जिन प्रोडक्ट्स के विज्ञापन सतत ग्राहकों को देखने या सुननाने मिलते है वही ब्रांड लोगो में ज्यादा पसंद किये जाते है.उद्यमी को अपने नये प्रोडक्ट लोंच करने में काफी सहूलियत मिलती है. ग्राहक को अपने ब्रांड पर विश्वास बढ़ाने में विज्ञापन की बहुत अहम् भूमिका होती है. विज्ञापन ही ग्राहकों को सूचित करता है बाजार में मौजूद अलग अलग प्रोडक्ट के बारे में. 



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सोमवार, 23 मार्च 2020

Market Research व्यवसाय की दिशा और दशा तय करने वाला Tool

मार्च 23, 2020

Market Research in Hindi I Benefit of market research I  






मार्किट रिसर्च किसी भी व्यवसाय या business के लिए जरूरी tool है. किसी भी उद्यमी को अपना व्यवसाय बढ़ाने या नया set up करने के लिये इसका सहारा लेना बहुत अनिवार्य है. विशेषता वर्त्तमान समय में और भी जरुरी हो जाता है जहाँ ग्राहक बहुत ही जागरूक और smart है.



व्यवसाय के लिये ग्राहक एवं क्षेत्र में उत्पाद या सेवा की मांग या demand की पूर्ण जानकारी तथा गतिविधि का सही सही अनुमान लगाने के लिये इसका सहारा लेना पड़ता है.


मार्केटिंग रिसर्च दो शब्दों से मिलकर बना है मार्केटिंग और रिसर्च. मार्केटिंग रिसर्च को जानने से पहले मार्केटिंग और रिसर्च को अलग-अलग जानने की कोशिश करते है.


मार्केटिंग का हम अपने रोज के जीवन में उपयोग करते है.लेकिन जो रोजमर्रा की जिन्दंगी में हमारा मार्केटिंग का उद्देश्य होता वह बिलकुल अलग होता है. यदि कोई भी व्यक्ति मार्केटिंग शब्द सुनता है तो उसके दिमाग में सबसे पहले विज्ञापन जीसे अंग्रेजी में advertisement कहते है और किसी भी प्रोडक्ट का sales promotion आता है लेकिन ऐसा नहीं है मार्केटिंग अपने आप में बहुत गहरा विषय है. और इसे किसी भी व्यवसायी या जो स्टूडेंट management की पढाई कर रहे है उनके लिए समझना बहुत ही आवश्यक है. 



मार्केटिंग प्रोसेस (Marketing Process in Hindi)

प्रोडक्ट आईडिया से मार्केटिंग की शुरुआत हो जाती है जब हमारे दिमाग में यह idea आता है की यह प्रोडक्ट या कांसेप्ट हमें मार्किट में उतरना है तभी से मार्केटिंग प्रोसेस शुरू हो जाती है. मार्केटिंग का प्रोसेस ग्राहक के रूचि के साथ हमारे customer हमसे क्या उम्मीद कर रहे है मार्केटिंग के चार p है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है 

Product
Price
Place
Promotion

यहाँ हम उपरोक्त चारो महत्वपूर्ण बिंदु संशिप्त में समझेंगे. 


यदि हम प्रोडक्ट की बात करे तो ये निशिचत करना जरुरी होता है की हमारा प्रोडक्ट कैसा हो उसकी डिजाईन कैसी हो, उसकी पैकेजिंग, उसका आकर पुरे प्रोडक्ट समझे तो मार्किट में ग्राहक को मिलने वाला फाइनल प्रोडक्ट कैसा है. 


प्राइस का भी अहम् योगदान है हमें अपने प्रोडक्ट का प्राइस अपने ग्राहक के लिए कितना रहना चाहिए इसका भी ध्यान होना बहुत महत्वपूर्ण है. अलग अलग सेगमेंट का भी तथा प्रोडक्ट पैकेजिंग का प्रभाव किसी भी उत्पाद की कीमत पर पड़ता है. 


तीसरा p की बात करे तो वह है प्लेस जिसका तात्पर्य प्रोडक्ट के डिस्ट्रीब्यूशन चंनल होता है प्रोडक्ट के उत्पादन से लेकर उत्पाद ग्राहक को मिलने तक के सफ़र को तयं करना प्रोडक्ट Placing होता है. डिस्ट्रीब्यूट चंनल ही ग्राहक को मिलने वाला प्रोडक्ट decide होता है. डिस्ट्रीब्यूशन चैनल के माध्यम से ही यह तय होता है की उचित समय और जगह पर हमारे ग्राहक को प्रोडक्ट मिल सके. 


आज के समय की बात करे तो प्रोडक्ट प्रमोशन मार्केटिंग का सबसे महत्वपूर्ण एवं जरुरी हिस्सा है. यदि कोई खाने की डिश में नमक नहीं है तो वह डिश बेस्वाद हो जाती है वैसे ही प्रोडक्ट कितना ही अच्छा क्यूँ न हो उसका बाज़ार में टिके रहना नामुमकिन है.आज की तारीख में अपने प्रोडक्ट की सारी जानकारी या information अपने ग्राहक को देना वांछित स्टेप है. 


इन चार p के बाद भी हमारा मार्केटिंग ख़तम नहीं होता है मार्केटिंग चलता है कस्टमर संतुष्टि तक. मार्केटिंग या विपणन यदि परिभाषा के नजरिये से देखें तो यह शुरू होता है customer से और ख़तम भी customer पर ही होता है. मतलब यह है की मार्केटिंग research का उद्देश्य सिर्फ ग्राहक की संतुष्टि के इर्द गिर्द ही रहता है.क्युकी हमारे यहाँ customer को भगवान भी बोलते है क्युकी एक संतुष्ट ग्राहक सबसे बड़ा advertiser है आपके प्रोडक्ट का, अभी तक mouth publicity से अच्छा विज्ञापन कोई दूसरा नहीं है. मार्केटिंग एक नहीं बल्कि बहोत सारे कांसेप्ट समाहित होते है.

रिसर्च (Research in Hindi)

किसी भी problem या सब्जेक्ट को तपसिल और पूर्णरूप से अध्यन करना ही रिसर्च कहलता है.scientific research, scientist करते है और experts जो होते है वह data काanalysis  करते है.

मार्केटिंग रिसर्च क्या होता है (marketing research process in Hindi)

बाजार, प्रोडक्ट, ग्राहक, क्षेत्र, मार्केटिंग इत्यादि आकड़ों का सरल और व्यवस्थित तरीके से संग्रह करना जिसे हम data collection भी बोलते है. सारे तथ्यों की जानकारी लेकर उनका विश्लेषण करना ही मार्किट रिसर्च कहलता है. इसका सबसे बड़ा लाभ व्यवसायी या उद्यमी को यह होता है की व्यवसाय के दौरान आने वाली चुनौती का अंदाजा उसे पहेले ही हो जाता है एवं आने वाले समय में बाजार का रुख या mood उसे समय के पूर्व मालूम हो सकता है. ताकि वह अपनी कंपनी की उचित strategy एवं planing कर सके. 



यदि देखा जाय तो किसी भी व्यवसाय की दशा और दिशा मार्किट रिसर्च ही तय करता है 


मार्केकेटिंग रिसर्च के लाभ (Benefit of Marketing Research in Hindi)

  • उपरोक्त हम देख ही चुके है की किसी भी business के लिये मार्केटिंग रिसर्च रीढ़ की हड्डी है.इस tool के अन्य लाभ हम थोडा तपसिल में समझने की कोशिश करेंगे.

  • इसके जरिये उद्यमी को अपनी target customer को जानने का मौका मिलता है. जिससे वह अपनी कंपनी को competition में बनाये रखता है.

  • बाजार एवं ग्राहकों की आवश्यकत उनकी पसंद एवं ना पसंद का ज्ञान होने से एक महत्वपूर्ण लाभ यह होता है की व्यवसाय में निवेश का जोखिम भी काफी हद तक कम या नियंत्रण में रहता है.

  • मार्किट रिसर्च एक दूरगामी दृष्टि देता है ताकि भविष्य में मार्किट के अवसरों एवं खतरों का पता लग सके.

  • business expand के लिये भी यह tool काफी helpful रहता है क्युकी आपको अपनी और प्रतिस्पर्धी की ताकत एवं कमजोरी का पता रहता है जिसे अध्यन कर आगे बढ़ा जा सकता है.

  • समय समय पर customer की जरुरत एवं demand का ज्ञान हो जाता है 

  • इसी के चलते मार्किट में नये नये innovation देखने को मिलते है.


लो बजट में tool (low budget tool ) 

मार्केटिंग रिसर्च जो की अपने आप में बहुत ही बड़ा एवं गहन विषय है उसके करने के tool भी काफी विस्तृत है. प्रत्येक उद्यमी एवं कंपनी अपने बजट एवं सुविधा के अनुरूप इसे अंजाम देते है क्यूंकि यह अपने आप में बेहद रोचक और विस्तारित शोध है. चूँकि जिन व्यवसायी या उद्यमी के पास फण्ड होता है उनके लिए इसे संप्रेषित करना आसन होता है लेकिन छोटे व्यवसायी के लिये यह एक टास्क ही होता है. हम यहाँ कुछ low budget tools की बात करेंगे.


  • online यह एक ऐसा ओपन प्लेटफोर्म है जहाँ कोई भी व्यवसायी customize तरीके से अपना सर्वे को अंजाम दे सकता है. किसी भी प्रकार के रुकावट के बिना तथा फ्री अथवा कम से कम लागत में.


  • website भी एक अच्छा विकल्प है जहाँ आप अपनी कंपनी की वेबसाइट या किसी अन्य के फोरम का इस्तेमाल करके इसे कर सकते है 

  • social media एक प्रभावी माध्यम है जो छोटे उद्यमी के लिए वरदान साबित हो सकता है 


  • tele calling टेली कालिंग भी एक अच्छा जरिया है मार्केटिंग रिसर्च का. 


  • seminar छोटे छोटे सेमिनार का आयोजन करके मार्किट का mood भांप सकते है.


  • social gathering मॉल और सोसाइटी activity यहाँ पर लोगो को एकत्रित करके उनकी पसंद और जरूरतों पर उनकी राय जानना भी इसी का हिस्सा है.


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सोमवार, 2 मार्च 2020

Competitive Intelligence आज के उद्यमी का ब्रह्मास्त्र

मार्च 02, 2020

Competitive Intelligence आज के उद्यमी का ब्रह्मास्त्र 

CI एक ऐसी business technology है जिनका स्टार्टअप और business owner सफलता पूर्वक इस्तेमाल कर रहे है 
Business strategy में  लगातार हो रहा तकनिक का समावेश व्सयवसाय में सफलता का एक बड़ा tool बनता जा रहा है. इस technology में intelligence का सबसे अधिक इस्तेमाल हो रहा है. चाहे वह फिर artificial  intelligence हो competitive intelligence. भारतीय व्यवसाइयों की दुनिया में competitive intelligence की  जानकारी बहुत ज्यादा उपलब्ध नहीं है. यदि देखा जाये तो competitive intelligence का उपयोग अमेरिकन स्टार्टअप ज्यादा कर रहे है. सीआई का इस्तेमाल strategically और success को साथ साथ करने के लिए अमेरिकन स्टार्टअप की दुनियां में कई सर्वे भी करवाए जा रहे है. सन 2019 में कई सर्वे किये गए जिसमे सामने ये आया की लगभग 95 प्रतिशत अमेरिकन स्टार्टअप CI का इस्तेमाल करते है. वही हम India की बात करे तो यह आंकड़ा 5 प्रतिशत तक भी नहीं पहुँच पाया है.


Competitive Intelligence आज के उद्यमी का ब्रह्मास्त्र
Competitive Intelligence 



Competitive Intelligence को ऐसे समझे


CI एक ऐसा tool है जिसमे आप अपने  कॉम्पिटिटर और उसके प्रोडक्ट को समझते है. या  इसे ऐसे भी समझ सकते है की एक प्रकार का 360 डिग्री व्यू हमें अपने व्यवसाय का मिलता है.वर्त्तमान  समय  में किसी भी व्यवसाय की योजना या रणनीति बनाने के लिये यह जरुरी है की competitive intelligence में strategist को स्वयं के व्यवसाय की सभी डिटेल्स एवं छोटी से छोटी जानकारी होना आवश्यक है. इसी के बाद मार्किट में कॉम्पिटिटर एवं उसके प्रोडक्ट के बारे में सही तथ्य इकठ्ठा कर पायेंगे. कॉम्पिटिटर की जानकारी ओपन सोर्स  तथ्यों के आधार पर ली जाती है. competitive intelligence एक ऐसा व्यवसाय का solution है जो आपको हमेशा प्रतिस्पर्धा से बचायेगा. सरल भाषा में यदि कहा जाये तो यह एक ऐसा सिद्धांत है जिसमे उद्योगों की बढती प्रतिस्पर्धा के चलते अपनी कंपनी या सर्विसेस को प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिये सुचना या डाटा का इस्तेमाल करना. 



Competitive Intelligence आज के उद्यमी का ब्रह्मास्त्र
Competitive Intelligence

Competitive Intelligence का उपयोग ऐसा करें


CI का बिज़नेस रणनीति में क्या स्थान हो सकता है यह व्यवसाय के सेक्टर पर सबसे ज्यादा निर्भर करता है.अमेरिका में business strategist सीआई का उपयोग कुछ सामान्य बिन्दुओं को आधार बनाकर करते है उनमे प्रमुख है - competitor की वेबसाइट, कस्टमर की राय, competitor के employee की राय, सोशल मीडिया activity, content strategy, सोपोर्ट साईट, न्यूज़ सेक्शन,थर्ड पार्टी रिव्यु साईट और उसके द्वारा समय समय पर आयोजित होने वाले ट्रेड शो या इवेंट है.इन सभी का गहन अध्यन किया जाता है. साथ में प्रोडक्ट या सर्विस की कीमत भी इस लिस्ट का प्रमुख हिस्सा होती है.आज कल देखा जाता है की किसी सर्विस या प्रोडक्ट लौन्चिंग में भी competitive intelligence का इस्तेमाल किआ जाता है
 



          competitive intelligence



कॉम्पेटेटिव इंटेलिजेंस के मिथ 

  • किसी भी उद्योग संघटन की आर्थिक जासूसी करना 
  • साधारण सूचनाओ को एकत्रित करना 
  • यह जादू की छड़ी है 

कॉम्पेटेटिव इंटेलिजेंस के लाभ 

  • किसी भी उद्योग का लाभ का आधार 
  • ज्यादा से ज्यादा व्यवसाय के अवसरों का सृजन
  • बाहरी खतरे से सुरक्षा 
  • कंपनी परफॉरमेंस का ऊपर बढना 
  • सूचनाओ और जानकारी का सदपयोग कर पाना 
  • सेल्स और मार्केटिंग स्किल्स का बेहतर होना 

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कॉम्पेटेटिव इंटेलिजेंस के बारे में ज्यदा जानना है तो कमेन्ट करे.

















शनिवार, 4 मई 2019

व्यवसाय में सफल होना है तो Business Plan जरुरी है

मई 04, 2019
किसी भी Business को शुरू करने से पहले Planning बहुत जरुरी है बिना प्लानिंग के कोई भी व्यवसाय चाहे वो छोटा हो या बड़ा सफल नहीं हो सकता है. Business Plan एक तरह से आपके बिज़नेस का नक्शा (Map) या Blueprint होता हैं जिसमें आपके बिज़नेस की तमाम जानकारी, व्यवसाय के लक्ष्य और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने का तरीका आदि बातें लिखी होती है.| बिज़नेस प्लान न केवल आपके Guide के रूप में काम करता हैं बल्कि Bank Loan, Startup Funding or Business Partnership आदि कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए जरूरी होता हैं.यवसाय के लिए यह प्रोसेस सबसे महत्वपूर्ण होती है. लगभग सभी तरह के Business Loans के लिए बिज़नेस प्लान बनाना बहुत जरूरी हैं नहीं तो बैंक Banks, Loan देने से मना कर सकते हैं. 

business plan

Business Plan को समझे


किसी भी काम को करने से पहले उसकी योजना बनाई जाती है. यही बात Business के ऊपर भी लागू होती है जहां इस योजना का लिखित रूप या ड्राफ्टिंग Business Plan कहलाता है। दरअसल Business Plan एक ऐसा Document है जो किसी नए Business के ‘क्या’, ‘क्यों’ और ‘कैसे’ जैसे सभी प्रश्नों का उत्तर देता है. 

  • हमारा Business क्या है ? 
  • हम ये Business क्यों करना चाहते हैं 
  • हम इस Business को कैसे करेंगे ? 

इन सभी प्रश्नों के उत्तर हमे बिज़नेस प्लान के द्वारा मिलता हैं. प्रमुख रूप से Business Plan नये व्यवसाय के लिए होता है लेकिन कोई वर्तमान Business कुछ नया कर रहा है तो भी Business Plan बनाकर Business को आगे बढ़ा जा सकता है. Business Plan से सिर्फ Start-up नहीं बनती है बल्कि Business को Established भी करती है. समय-समय पर परिस्थितियों के अनुसार Business Plan में बदलाव भी किए जा सकते है। 

Business Plan की क्यों है जरुरत


आप यह सोच सकते हैं कि Business Plan को बनाने की जरूरत क्या है। अपने Business Plan के माध्यम से व्यवसायी अपने निर्धारित लक्ष्यों का लिखित रूप और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वह क्या रणनीति बना रहा है, स्पष्ट रूप से बताता है। व्यावसायिक योजना या बिज़नेस प्लान निम्न उद्देश्यों के लिए बहुत जरूरी होता हैं 
Bank में Business Loan के लिए Apply करना 
अपने Small Business या Startup के लिए Venture Capital Firm या Crowdfunding जैसे अन्य तरीकों से Fund जुटाना 
Business से सम्बंधित किसी भी प्रकार की Subsidy या कोई Scheme के लिए Apply करना 
Business Partnership और फ्रेंचाइजी आदि के लिए 

एक अच्छी तरह से बनाए गए Business Plan से न केवल Bank और अन्य बाहरी स्त्रोतों से वित्त (Funding or Finance) प्राप्त करना सरल होता है बल्कि Internal Operations में भी यह सहायक होता है. 


अच्छा बिजनेस प्लान कैसे बनाए


किसी भी योजना का निर्माण बहुत सोच समझ कर किया जाता है। यही बात Business Plan बनाते समय भी लागू होती है. कोई भी व्यवसाय शुरू करने से पहले उसकी योजना Business Plan के रूप में तैयार की जाती है। इसलिए एक अच्छे Business Plan को बनाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखा जाता है. 
इस Business Plan को बनाने का Core Objective क्या है ? 
Business Plan को किन लोगों के लिए बनाया जा रहा है । अथार्थ इसे पढ़ने वाले लोगों में Investors या Bankers हैं जिनका धन व्यवसाय में Invest हुआ है ? 
आपके Business Plan में क्या-क्या शामिल है? 
आपको एक संक्षिप्त या विस्तृत Business Plan चाहिए ? 

जब इन प्रश्नों का उत्तर मिल जाता है तो एक व्यवसायी अपना Business Plan बनाना शुरू करता है. किसी भी एक सफल और स्पष्ट Business Plan में निम्न विषयों पर Focus किया जाता हैं 

idea ka pitara


1. बिजनेस का उदेश्य क्या है – अच्छी तरह से डिजाइन किया हुआ Business Plan किसी भी व्यवसाय के उद्देश्यों को बता सकता है. इस Business Plan के माध्यम से व्यवसायी ने अपने भविष्य के लिए क्या योजना बनाई है, इसका पता चलता है.। इन उद्देश्यों से व्यवसाय से जुड़े लोगों को क्या लाभ होगा, इसका ब्यौरा भी Business Plan से ही चलता है। 

2. Business के स्पष्ट विवरण का वर्णन – Business Plan के माध्यम से किसी भी व्यावसायिक इकाई के बारे में Complete Description का पता लगता है. इस Business Plan के द्वारा ही किसी अन्य व्यक्ति को यह पता चलता है की आपने अपना व्यवसाय कैसे शुरू किया था और आपका क्या उद्देशय है. 

3. व्यवसाय के उत्पाद और सेवाएँ क्या हैं – Business Plan को डिजाइन करते समय व्यवसायी यह निश्चित कर सकता है की उसे किस प्रकार के Products का उत्पादन करना है और क्या Services देनी है. 

4. मार्केट विश्लेषण में सहायक – व्यवसायी जब Business Plan को बनाता है तो उससे पहले वह अपने संबन्धित बाजार का विश्लेषण (Market Analysis) भी कर लेता है. इस विश्लेषण के माध्यम से ही भविष्य में होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में पता लग सकता है. 

5. व्यावसायिक ढांचे का विवरण – किसी भी व्यावसायिक ढांचे में उसके कर्मचारी और प्रबंधकीय क्षमता का पता लगता है. Business Plan को बनाने से Business Structure के बारे में भी पता लग जाता है. 

6. संसाधनों का उपयोग – किसी भी व्यावसायिक इकाई का सबसे अच्छा साधन उसमें लगाया गया धन और व्यवसायी का समय होता है. Business Plan को बनाते समय आपको यह निश्चय करना होगा की इन दोनों ही महत्वपूर्ण संसाधनों का उपयोग कैसे करना है. 

7. लक्ष्य निर्धारण – किसी भी काम को सफलतापूर्वक करने के लिए उसका लक्ष्य का निर्धारण करना जरूरी है. Business Plan को बनाते समय व्यवसाय के लक्ष्यों का निर्धारण सरल हो जाता है. 

बिज़नेस प्लान के भाग


हालाँकि किसी भी Business Plan का कोई फिक्स फॉर्मेट नहीं हैं और इसे आवश्यकता के अनुसार अलग अलग तरीके से बनाया जाता हैं| सामान्यत: एक Business Plan के निम्न भाग होते हैं:- 

एग्ज़ीक्यूटिव संक्षेप


Executive Summary किसी भी Business Plan का पहला भाग होता हैं और इसके अंतर्गत Business Plan से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण बातों को सारांश के रूप में लिखा जाता हैं| Business Nature, Legal Structure, Product or Services, Target Market, Business Model, Management Team, Marketing Plan, Goals, Financial Projection, Fund or Loan Required आदि को संक्षेप में बताया जाता हैं. 

बाकि के Business Plan का पूरा सार इस भाग में लिखा होता हैं, इसलिए भाग को सबसे अंत में बनाना बेहतर होता हैं. 

vision plan


व्यावसायिक पृष्ठभूमि:


Business Plan के इस भाग में आपके व्यवसाय से सम्बंधित पूरी जानकारी को विस्तृत में लिखा जाता जैसे 

  • व्यवसाय की प्रकृति 
  • आप क्या बेचेंगे – Product or Service Description 
  • आपका Target Market क्या हैं 
  • व्यवसाय का Legal Structure यानि कि व्यवसाय एकल, साझेदारी या कंपनी हैं, 
  • कर्मचारी और मैनेजमेंट टीम, 
  • व्यावसायिक स्थल 

इसके आलावा इस भाग में व्यवसाय के Product या Services से सम्बंधित सभी बातों को विस्तृत में लिखा जाता हैं जैसे:- 
आपका प्रोडक्ट या सर्विसेज से कौनसी समस्या सुलझ रही हैं या यह लोगों के क्या काम आ रही हैं? 

  • आपका product या services दूसरों से कितना अलग हैं? 
  • लोग आपके Product को क्यों खरीदेंगे 
  • आप अपने product को कैसे बनायेंगे और क्या वह तरीका सबसे बेहतर हैं? 
  • क्या आपने प्रोडक्ट और सर्विसेज का Trademark, Patent आदि का रजिस्ट्रेशन करवा दिया हैं 


बाजार विश्लेषण


इस भाग में आपके Product या Service के Target Market से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण बातों का एनालिसिस किया जाता हैं जैसे:- 
टारगेट मार्केट, मार्केट साइज़ और Demand 
आप किसे बेचेंगे – Target Customer, उनका व्यवहार, वर्ग और खरीद शक्ति (Purchasing Power) 
आपके competitors कौन हैं और उनके पास कितना Market Share हैं, उनकी शक्तियां और कमजोरियां 
भविष्य में Demand और Market में होने वाले महत्वपूर्ण परिवर्तन 


बाजार रणनीति


Business Plan का यह भाग बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस भाग में उन सभी नीतियों वर्णन होता है जो आप अपने Product and Services को कस्टमर तक पहुँचाने और Market Promotion के लिए प्रयोग में लाना चाहते हैं. इस भाग के अंतर्गत आपको निम्न बातों को निर्धारित करना होता हैं

  • आपके Product या Service मार्केट में अपनी जगह कैसे बनायेंगे 
  • आपके Target Customer कौन हैं जो सबसे पहले आपके Product या Services में रुचि दिखायेंगे और आप उन तक कैसे पहुंचेंगे 
  • आपकी Pricing Policy क्या होगी 
  • आप अपने Product या Service को किस तरह से Promote करेंगे जैसे Direct Marketing, Advertisement Social Media etc. 
  • आप किस तरह से अपने product या services को कस्टमर तक पहुंचाएंगे – डिस्ट्रीब्यूशन चेनल 
  • आपकी Selling Strategy क्या होगी? 


कार्यप्रणाली


यह एक महत्वपूर्ण भाग हैं जिसमें Business Operations यानि कि “व्यवसाय कैसे चलेगा” इससे सम्बंधित सभी बातों की विस्तृत जानकारी होती हैं  

  • Systems and Information Technology – आपके व्यवसाय का मुख्य IT सिस्टम किस तरह का होगा 
  • Store Facility – आप कितना Stock रखेंग और कहाँ पर रखेंगे| 

वित्तीय योजना


Financial Analysis किसी भी Business Plan का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता हैं क्योंकि यह भाग आपके व्यवसाय की सारी महत्वपूर्ण बातों और Projection को फिगर्स या नंबर्स में प्रस्तुत करता हैं| इसी भाग से बैंक या वेंचर फर्म को आपके व्यवसाय की वित्तीय स्थिति और पूँजी की आवश्यकता का पता चलता हैं जिसके आधार पर Banks, लोन देती हैं और Venture Capital Firms, निवेश करते हैं| यह हिस्सा मुख्य रूप निम्न बातों पर केन्द्रित होता हैं

1. आपको Business के लिए कितनी पूँजी या Fund की जरूरत हैं और इसका उपयोग कहाँ कहाँ पर करेंगे – Capital/Fund Requirement 

2. आप इस पूँजी को कैसे जुटाएंगे – Loan, Venture Funding, Crowd Funding, Own Capital etc. 

3. आप कितने वर्ष के लिए Loan लेंगे, इसकी Security क्या होगी और इसका पुनर्भुगतान कैसे करेंगे 

4. आपके Business के Revenue/Income Sources क्या होंगे – Sales, Other Incomes 

5. आपके Business के Expenditure क्या होंगे – Purchases, Interest Payment, Rent etc. 

6. Sales, Revenue और Expenses के आधार पर आपके Business के अगले 3-5 वर्षों Profit & Loss Forecast 

7. आपके Business का Growth Forecast 

8. Business Risk और उसके संभावित परिणाम 

Financial Analysis के महत्वपूर्ण Statement 


  • Capital Requirement and Sources of Capital 
  • Sales Forcast of 3-5 Years 
  • Profit and Loss Forcast of 3-5 Years 
  • Cashflow Statement 
  • Balance Sheet 

Business Plan आपके व्यवसाय का सबसे महार्त्वपूर्ण भाग है जो आपकी व्यवसाय संबधित दूर दृष्टि को इंगित करता है. इसलिए इसको बनाते समय बहुत सावधानी और गाइडेंस की आवशयकता होती है.

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