सोमवार, 23 मार्च 2020

Market Research व्यवसाय की दिशा और दशा तय करने वाला Tool

Market Research in Hindi I Benefit of market research I  






मार्किट रिसर्च किसी भी व्यवसाय या business के लिए जरूरी tool है. किसी भी उद्यमी को अपना व्यवसाय बढ़ाने या नया set up करने के लिये इसका सहारा लेना बहुत अनिवार्य है. विशेषता वर्त्तमान समय में और भी जरुरी हो जाता है जहाँ ग्राहक बहुत ही जागरूक और smart है.



व्यवसाय के लिये ग्राहक एवं क्षेत्र में उत्पाद या सेवा की मांग या demand की पूर्ण जानकारी तथा गतिविधि का सही सही अनुमान लगाने के लिये इसका सहारा लेना पड़ता है.


मार्केटिंग रिसर्च दो शब्दों से मिलकर बना है मार्केटिंग और रिसर्च. मार्केटिंग रिसर्च को जानने से पहले मार्केटिंग और रिसर्च को अलग-अलग जानने की कोशिश करते है.


मार्केटिंग का हम अपने रोज के जीवन में उपयोग करते है.लेकिन जो रोजमर्रा की जिन्दंगी में हमारा मार्केटिंग का उद्देश्य होता वह बिलकुल अलग होता है. यदि कोई भी व्यक्ति मार्केटिंग शब्द सुनता है तो उसके दिमाग में सबसे पहले विज्ञापन जीसे अंग्रेजी में advertisement कहते है और किसी भी प्रोडक्ट का sales promotion आता है लेकिन ऐसा नहीं है मार्केटिंग अपने आप में बहुत गहरा विषय है. और इसे किसी भी व्यवसायी या जो स्टूडेंट management की पढाई कर रहे है उनके लिए समझना बहुत ही आवश्यक है. 



मार्केटिंग प्रोसेस (Marketing Process in Hindi)

प्रोडक्ट आईडिया से मार्केटिंग की शुरुआत हो जाती है जब हमारे दिमाग में यह idea आता है की यह प्रोडक्ट या कांसेप्ट हमें मार्किट में उतरना है तभी से मार्केटिंग प्रोसेस शुरू हो जाती है. मार्केटिंग का प्रोसेस ग्राहक के रूचि के साथ हमारे customer हमसे क्या उम्मीद कर रहे है मार्केटिंग के चार p है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है 

Product
Price
Place
Promotion

यहाँ हम उपरोक्त चारो महत्वपूर्ण बिंदु संशिप्त में समझेंगे. 


यदि हम प्रोडक्ट की बात करे तो ये निशिचत करना जरुरी होता है की हमारा प्रोडक्ट कैसा हो उसकी डिजाईन कैसी हो, उसकी पैकेजिंग, उसका आकर पुरे प्रोडक्ट समझे तो मार्किट में ग्राहक को मिलने वाला फाइनल प्रोडक्ट कैसा है. 


प्राइस का भी अहम् योगदान है हमें अपने प्रोडक्ट का प्राइस अपने ग्राहक के लिए कितना रहना चाहिए इसका भी ध्यान होना बहुत महत्वपूर्ण है. अलग अलग सेगमेंट का भी तथा प्रोडक्ट पैकेजिंग का प्रभाव किसी भी उत्पाद की कीमत पर पड़ता है. 


तीसरा p की बात करे तो वह है प्लेस जिसका तात्पर्य प्रोडक्ट के डिस्ट्रीब्यूशन चंनल होता है प्रोडक्ट के उत्पादन से लेकर उत्पाद ग्राहक को मिलने तक के सफ़र को तयं करना प्रोडक्ट Placing होता है. डिस्ट्रीब्यूट चंनल ही ग्राहक को मिलने वाला प्रोडक्ट decide होता है. डिस्ट्रीब्यूशन चैनल के माध्यम से ही यह तय होता है की उचित समय और जगह पर हमारे ग्राहक को प्रोडक्ट मिल सके. 


आज के समय की बात करे तो प्रोडक्ट प्रमोशन मार्केटिंग का सबसे महत्वपूर्ण एवं जरुरी हिस्सा है. यदि कोई खाने की डिश में नमक नहीं है तो वह डिश बेस्वाद हो जाती है वैसे ही प्रोडक्ट कितना ही अच्छा क्यूँ न हो उसका बाज़ार में टिके रहना नामुमकिन है.आज की तारीख में अपने प्रोडक्ट की सारी जानकारी या information अपने ग्राहक को देना वांछित स्टेप है. 


इन चार p के बाद भी हमारा मार्केटिंग ख़तम नहीं होता है मार्केटिंग चलता है कस्टमर संतुष्टि तक. मार्केटिंग या विपणन यदि परिभाषा के नजरिये से देखें तो यह शुरू होता है customer से और ख़तम भी customer पर ही होता है. मतलब यह है की मार्केटिंग research का उद्देश्य सिर्फ ग्राहक की संतुष्टि के इर्द गिर्द ही रहता है.क्युकी हमारे यहाँ customer को भगवान भी बोलते है क्युकी एक संतुष्ट ग्राहक सबसे बड़ा advertiser है आपके प्रोडक्ट का, अभी तक mouth publicity से अच्छा विज्ञापन कोई दूसरा नहीं है. मार्केटिंग एक नहीं बल्कि बहोत सारे कांसेप्ट समाहित होते है.

रिसर्च (Research in Hindi)

किसी भी problem या सब्जेक्ट को तपसिल और पूर्णरूप से अध्यन करना ही रिसर्च कहलता है.scientific research, scientist करते है और experts जो होते है वह data काanalysis  करते है.

मार्केटिंग रिसर्च क्या होता है (marketing research process in Hindi)

बाजार, प्रोडक्ट, ग्राहक, क्षेत्र, मार्केटिंग इत्यादि आकड़ों का सरल और व्यवस्थित तरीके से संग्रह करना जिसे हम data collection भी बोलते है. सारे तथ्यों की जानकारी लेकर उनका विश्लेषण करना ही मार्किट रिसर्च कहलता है. इसका सबसे बड़ा लाभ व्यवसायी या उद्यमी को यह होता है की व्यवसाय के दौरान आने वाली चुनौती का अंदाजा उसे पहेले ही हो जाता है एवं आने वाले समय में बाजार का रुख या mood उसे समय के पूर्व मालूम हो सकता है. ताकि वह अपनी कंपनी की उचित strategy एवं planing कर सके. 



यदि देखा जाय तो किसी भी व्यवसाय की दशा और दिशा मार्किट रिसर्च ही तय करता है 


मार्केकेटिंग रिसर्च के लाभ (Benefit of Marketing Research in Hindi)

  • उपरोक्त हम देख ही चुके है की किसी भी business के लिये मार्केटिंग रिसर्च रीढ़ की हड्डी है.इस tool के अन्य लाभ हम थोडा तपसिल में समझने की कोशिश करेंगे.

  • इसके जरिये उद्यमी को अपनी target customer को जानने का मौका मिलता है. जिससे वह अपनी कंपनी को competition में बनाये रखता है.

  • बाजार एवं ग्राहकों की आवश्यकत उनकी पसंद एवं ना पसंद का ज्ञान होने से एक महत्वपूर्ण लाभ यह होता है की व्यवसाय में निवेश का जोखिम भी काफी हद तक कम या नियंत्रण में रहता है.

  • मार्किट रिसर्च एक दूरगामी दृष्टि देता है ताकि भविष्य में मार्किट के अवसरों एवं खतरों का पता लग सके.

  • business expand के लिये भी यह tool काफी helpful रहता है क्युकी आपको अपनी और प्रतिस्पर्धी की ताकत एवं कमजोरी का पता रहता है जिसे अध्यन कर आगे बढ़ा जा सकता है.

  • समय समय पर customer की जरुरत एवं demand का ज्ञान हो जाता है 

  • इसी के चलते मार्किट में नये नये innovation देखने को मिलते है.


लो बजट में tool (low budget tool ) 

मार्केटिंग रिसर्च जो की अपने आप में बहुत ही बड़ा एवं गहन विषय है उसके करने के tool भी काफी विस्तृत है. प्रत्येक उद्यमी एवं कंपनी अपने बजट एवं सुविधा के अनुरूप इसे अंजाम देते है क्यूंकि यह अपने आप में बेहद रोचक और विस्तारित शोध है. चूँकि जिन व्यवसायी या उद्यमी के पास फण्ड होता है उनके लिए इसे संप्रेषित करना आसन होता है लेकिन छोटे व्यवसायी के लिये यह एक टास्क ही होता है. हम यहाँ कुछ low budget tools की बात करेंगे.


  • online यह एक ऐसा ओपन प्लेटफोर्म है जहाँ कोई भी व्यवसायी customize तरीके से अपना सर्वे को अंजाम दे सकता है. किसी भी प्रकार के रुकावट के बिना तथा फ्री अथवा कम से कम लागत में.


  • website भी एक अच्छा विकल्प है जहाँ आप अपनी कंपनी की वेबसाइट या किसी अन्य के फोरम का इस्तेमाल करके इसे कर सकते है 

  • social media एक प्रभावी माध्यम है जो छोटे उद्यमी के लिए वरदान साबित हो सकता है 


  • tele calling टेली कालिंग भी एक अच्छा जरिया है मार्केटिंग रिसर्च का. 


  • seminar छोटे छोटे सेमिनार का आयोजन करके मार्किट का mood भांप सकते है.


  • social gathering मॉल और सोसाइटी activity यहाँ पर लोगो को एकत्रित करके उनकी पसंद और जरूरतों पर उनकी राय जानना भी इसी का हिस्सा है.


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