मंगलवार, 31 मार्च 2020

व्यवसाय में विज्ञापन का अहम् रोल

Advertising in Hindi I Advertising Process I Advertising Tips in Hindi I Article for Advertising I Benefit of Advertising in Hindi



व्यवसाय करना ही अपने आप में एक बड़ी चुनौती है. लेकिन हर व्यवसायी के लिए अपने उत्पाद की जानकारी या information अपने ग्राहकों तक पहुँचाना भी बहुत बड़ा challenge होता है. यहीं से किसी भी उद्यमी का आगे का सफ़र शुरू होता है. और वह सफ़र कितना आसन होगा वह निर्भर करता है उसके विज्ञापन की रणनीति पर. विज्ञापन अथवा advertisement के द्वारा ही कोई भी व्यवसायी अपने उत्पाद या सेवा की जानकारी (information) को अपने अलग अलग स्तर के ग्राहकों तक पहुंचता है. 

ग्लोबलाईजेशन के युग में advertising का महत्व बढ़ जाता है. आधुनिकीकरण के चलते विज्ञापन के माध्यमो में बहुत ही तेजी आयीं है. साथ ही प्रत्येक व्यवसायी के लिये बजट फ्रेंडली विकल्प भी अनगिनत है. प्रत्येक उद्यमी अपनी सुविध और निवेश को ध्यान में रखकर विज्ञापन की रणनीति को अंजाम दे सकता है. 

यहाँ यह बताना भी जरुरी है की advertising के बहुमुखी आयाम होने की वजह से कई उतपाद ऐसे होते है जिनकी गुणवत्ता और प्रमाणिकता नगण्य होती है इसके बावजूद भी वह प्रोडक्ट मार्किट में अच्छा परफॉरमेंस करते है लेकिन यहाँ उद्यमी को यह समझना आवश्यक है की यह स्टेज बहुत ही आंशिक समय ही रहती है. 

निरंतर विज्ञापन को प्रभावी प्रयोग के होने से उत्पाद की कीमत पर असर पड़ता है इसका ध्यान प्रोडक्ट की कीमत तय करते समय व्यवसायी को अति आवश्यक है. 



विज्ञापन के प्रकार (type of advertising in Hindi) 


advertising एक ऐसी गतिविधि या प्रोसेस है जिसका उद्देश्य अपने प्रोडक्ट या सेवा की जानकारी अपने target कस्टमर्स तक पहुँचाना है. 

विज्ञापन बहु आयामी माध्यम है व्यवसाय के निवेश एवं बजट अनुसार इसे सम्पादित कर सकते है. आधुनिकता के चलते पिछले कई दशकों में इसमें बदलाव आयें है.मोटा माटी देखा जाये तो इसके मुख्यतः दो प्रकार में बाटा जा सकता है. परंपरागत विज्ञापन और डिजिटल विज्ञापन. 

परंपरागत विज्ञापन (traditional advertising in Hindi) 


इसके अंतर्गत print, advertising है जिसमें न्यूज़ पेपर, मैगजीन, हैण्ड बिल, ब्रोशर और होर्डिंग्स है. 

टेलीविज़न और रेडियो परंपरागत विज्ञापन के पुराने एवं सबसे ज्यादा प्रभावी माध्यम है. 


डिजिटल एडवरटाइजिंग (digital advertising) 


रोज नये नये इनोवेशन और आधुनिकता कि तेजी में डिजिटल प्लेटफोर्म का प्रादुर्भाव हुआ. 

डिजिटल विज्ञापन मुख्य रूप से सोशल मीडिया, सर्च इंजिन, वेबसाइट, डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड,मोबाइल फ़ोन आदि कई प्लेटफोर्म उपलब्ध है. 

विज्ञापन का महत्व (importance of advertising) 






इनमें से हमारे उत्पादन के लिए कौन-सा विज्ञापन प्रभावी हो सकता हैं, उस पद्धति से विज्ञापन कीजिए. उत्पादन का खर्चा, यातायात का खर्चा,मजदूरी आदि खर्चा को मिलाकर सब खर्चे करके जब हमारा उत्पादन तैयार होता है, उस विज्ञापन पर कितना पैसा खर्च करके हम अपने उत्पादन की कीमत अन्य उत्पादनों के समान रख सकते हैं इसका लेखा-जोखा देखकर ही विज्ञापनों पर खर्चा करना चाहिये. आपने यदि लघुउद्योग शुरु किया हो तो आपका विज्ञापन, आपका माल जितने कार्यक्षेत्र में बिकेगा उतने ही मर्यादित कार्यक्षेत्र में विज्ञापन कीजिए. इसके लिए लोकल टीवी, रेडियो एवं न्यूज़ पेपर के साथ-साथ पम्प्लेट्स बटवाकर विज्ञापन कर सकतें है. इसके अलावा स्थानीय स्तर पर छोटे-बड़े डिजीटल डिसप्ले लगाकर और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके अपने उत्पादन का विज्ञापन भी कर सकते है. एक विशेष बात का ध्यान रखें जो भी विज्ञापन आप कर रहे है उसकी निरन्तता जरुर रखिये. आपका प्रोडक्ट का विज्ञापन हमेशा लोगो के सामने आता रहना चाहिए ऐसा करने से विज्ञापन का प्रभाव बढ़ जाता है. जैसे-निरमा डिटर्जंट पावडर का विज्ञापन हम सालों-साल देखते हैं. दूध की सफेदी निरमा से आयें, रंगीन कपड़ा भी झील-मील जाये, सबकी पसंद.... यह विज्ञापन और उसका यह जिंगल... ! यह विज्ञापन भारतीयों के मन में इतना बस चुका हैं कि छोटे बच्चों या बूढ़ों तक सब लोग उनके विज्ञापन का घोषवाक्य 

गुणगूनाते हैं. विज्ञापन का प्रभाव जनमानस पर इतना हुआ है.. 'वॉशिंग पावडर' कहने पर लोग निरमा कहते हैं. ग्राहक जब दूकान में वॉशिंग पावडर खरीदने के लिए जाता हैं तब वह 

वॉशिंग पावडर दो कहने की अपेक्षा 'निरमा दो' ऐसा कहता हैं.ऐसा ही ठंडा मतलब coco cola, डालडा मतलब वनस्पति. 

एक्सपर्टस का मानना है की एक प्रभावी विज्ञापन मानव दिमाग में मानसिक प्रभाव डालता है. जिसके कारण ग्राहक अपने आप प्रोडक्ट की ओर खींचे चले आते है. आपके उत्पादन का आप जितना आकर्षक और प्रभावी विज्ञापन करेंगे उतना उत्पादन अधिक बिकने की संभावना बढ़ जाती है. 



विज्ञापन करना यह भी एक कला है। हम टी. वी. पर हमेशा ही विविध उत्पादनों के विज्ञापन पर अभिनेता देखते हैं. हमारे समाज में एक बड़ा वर्ग है जो सिनेमा, टी.वी. सिरीयल के अभिनेता अभिनेत्रियाँ, क्रिकेटर, प्रसिद्ध खिलाडी, हीरोईन के कायल होते है.वह जिस ब्रांड का उत्पादन का इस्तेमाल करते हैं उस ब्रांड का इस्तेमाल ग्राहक भी करना चाहता है और वह उत्पाद खरीद लेता हैं. कारण यह की हमारे पसंद का हीरो फलाना एक ब्रांड का उपयोग करता हैं, इसलिए उसके चाहनेवाले भी वहीं ब्रांड खरीद लेते हैं. जिसका परिणाम यह होता है की उनसे विज्ञापन करने से कंपनी का बिक्री दर बढ़ जाती है. 



विज्ञापन की योजना कैसे करें (advertising planning in Hindi) 


जब भी आप advertising की planning करे तो सबसे पहले ये समझे की इसकी जरुरत क्यूँ है? क्या इसे करने से मेरे व्यवसाय की जरूरते पूरी होती है, कभी- कभी यह देखा गया है की कुछ व्यवसाय या प्रोडक्ट बिना विज्ञापन के भी अच्छा परफॉरमेंस करते है. 

विज्ञापन का भी उद्देश्य होता है. विज्ञापन का मुख्य उद्देश्य यह है की अपने target मार्किट में आपके ब्रांड की जागरूकता या awareness को बढ़ावा देना.साथ में अपने प्रोडक्ट को ग्राहकों को खरीदने के लिए मजबूर या राजी करना.इसके अलावा यह निश्तित करना की समय समय पर आपका प्रोडक्ट रिकॉल (recall) होता रहे. 

आप आपके उत्पादन का कार्यक्षेत्र कितना बड़ा रखेंगे, इस पर विज्ञापन का चयन निश्चित होगा, कितने लोगों तक आपका विज्ञापन पहुँचेगा और उसपर कितना खर्चा होगा इसका अंदाजा लेकर विज्ञापन करना चाहिये. 

थम्स अप जैसे ठंडे पेय का विज्ञापन टी.वी. पर हर दस मिनटों मे आता है. उसका विज्ञापन का खर्चा भी बहुत हैं और बिक्री भी बहुत हैं. उनके उत्पादित माल को उत्पादन के लिए आयें खर्च की अपेक्षा भी अधिक दृष्टी से महंगा पड़ता है. ग्राहक भी उस ब्रांड को पसंद करता है । करोडो रुपयों का उनका टर्न ओव्हर होता हैं। उन्हें वे विज्ञापन महँगे नहीं पड़ते और सिर्फ विज्ञापन के बलपर वे अपना उत्पादन बेचते हैं । ग्राहकों के मनपर उन्होंने अपने विज्ञापन की छाप छोड़ रखी है. ग्राहक को अपना उत्पादन का नाम लेकर माँगने के अप्रत्यक्ष रुप से विवश होता हैं। आप अपना उत्पादन, उसका खर्चा, बिक्री का कार्यक्षेत्र और सामाजिक, राजकीय, आसपास की आर्थिक परिस्थिती इसका अध्ययन कर उत्पादन को किस प्रकार का विज्ञापन प्रभावी होगा इसका अंदाजा लेकर इसकी प्लानिंगकर सकते है साथ ही किसी expert या ऐड एजेंसी की भी हेल्प ले सकते है. 



विज्ञापन के लाभ (benefit of advertising in Hindi) 


अभी तक हमने विज्ञापन के लगभग सभी पहलुओं पर बात की. देखा जाये तो यह उद्यमी के साथ-साथ ग्राहकों के ग्राहकों को भी इसका फायदा होता है. ग्राहकों को प्रोडक्ट चुनने के लिए आसानी होती है क्यूंकि इनको अपने टार्गेटेड प्रोडक्ट की सारी जानकारी होती है. advertising से ग्राहकों को बाज़ार में उपलब्ध सारे ब्रांड की awareness के चलते उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्तित होती है. जिससे उनको निर्णय लेने में आसानी होती है. 

उसी प्रकार उद्यमी को अपने ब्रांड बिल्डिंग में मद्दत मिलती है. खास बात यह है की जिन प्रोडक्ट्स के विज्ञापन सतत ग्राहकों को देखने या सुननाने मिलते है वही ब्रांड लोगो में ज्यादा पसंद किये जाते है.उद्यमी को अपने नये प्रोडक्ट लोंच करने में काफी सहूलियत मिलती है. ग्राहक को अपने ब्रांड पर विश्वास बढ़ाने में विज्ञापन की बहुत अहम् भूमिका होती है. विज्ञापन ही ग्राहकों को सूचित करता है बाजार में मौजूद अलग अलग प्रोडक्ट के बारे में. 



आपको यह आर्टिकल कैसा लगा ? हम उम्मीद करते है इस लेख के द्वारा आपको दी गई जानकारी से आपको काफी कुछ नया जानने को मिला होगा. 

यदि आपके पास हमारे article को लेकर कोई सुझाव है या सवाल है कुछ जानना चाहते है तो निचे कमेंट बॉक्स में लिखकर या हमें ई-मेल कर सकते है. 

यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे facebook, whats app, twiter आदि social media प्लेटफोर्म पर शेयर करे ताकि और भी लोगो को यह जानकारी मिले.

यह भी पढ़ें:

कोई टिप्पणी नहीं: