Plywood Business I How To Start Plywood Business I Project Report I Marketing Planing in Hindi I Plywood Business in Hindi
लकड़ी को पर्याय के रूप में आज संपूर्ण विश्व में प्लाईवुड का उपयोग हो रहा है. हमारे देश में भी पिछले सौ साल से प्लाईवुड का उपयोग हो रहा है. बीते शतक में इसका ज्यादातर उपयोग पैकेजिंग काम के लिए होता था. चायपत्ती को एक जगह से दूसरी जगह तक लेजाने के लिए तथा चाय सुरक्षित रहे इसलिए सर्वप्रथम चाय पैकिंग के लिए प्लाईवुड का उपयोग हुआ.
प्लाईवुड से तैयार हुए पैकिंग बक्से यह लकड़ी के बक्से की अपेक्षा थोड़े हल्के सहज एवं सुलभ होते हैं. वजन मे हल्के होने से प्लाईवुड के बक्सों को विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को और माल के पैकेजिंग के लिए प्लाईवुड की अच्छी डिमांड है. दैनिक जीवन के मानवीय जरूरतों में लकड़ी से तैयार किए हुए फर्नीचर अथवा अन्य साधन सामग्री, वृक्ष कटाई पर बंधन आने से थोड़े महंगे होते हैं इस दृष्टि से प्लाईवुड सस्ता होता है. इसलिए भी प्लाईवुड का बहुत बड़ा मार्केट है.
भारतीय बाजार में इसकी इतनी demand है की इस मांग को पूरी करने के लिए विदेश से भी आयात करना पड़ता है. परंतु अब भारत में पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक, अंडमान निकोबार आदि राज्यों में प्लाईवुड का उत्पादन लार्ज स्केल में होता है. विकसित देशों की अपेक्षा आज भी भारत में प्लाईवुड का उत्पादन और उपयोग कम ही है.
प्लाईवुड उद्योगों को सरकार ने संरक्षण देने के कारण रोज प्लाईवुड के नए-नए प्रोडक्ट बाजार में आ रहे हैं. औद्योगिक और घरेलु क्षेत्र में प्लाईवुड को अधिक मांग होने के कारण उत्पादन की गति भी बढ़ चुकी है. अरुणाचल प्रदेश आसाम, मिजोरम तथा नागालैंड जैसे राज्यों में सर्वाधिक प्लाईवुड का उत्पादन होता है. प्लाईवुड के विविध प्रकार है उदाहरण प्रिजर्वेटिव प्लाईवुड, शटरिंग प्लाइवुड, एयरक्राफ्ट प्लाईवुड जैसे प्लाईवुड की विविध प्रकार है. अग्नि को तुरंत ही अप्रतिसाद ना देने के कारण औद्योगिक स्थानों पर लकड़ियों की अपेक्षा प्लाईवुड का उपयोग किया ज्यादा किया जाता है. अब तो पूर्ण अग्नि रोधक प्लाईवुड बाजार में आते हैं. उसके साथ ही पानी का कौन सा भी परिणाम ना होने वाले वाटर प्रूफ प्लाई बोर्ड घरेलू और औद्योगिक उपयोग के लिए उपलब्ध है.
इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है की प्लाईवुड की शीट्स प्लांट से मार्किट तक लेकर जाते वक्त भी कम यातायात खर्च में ले जा सकते हैं. कारण प्लाईवुड की शीट्स सपाट तथा वजन में हल्की होने से कम जगह में ज्यादा घनफुट प्लाईवुड उठा सकते हैं. वजन में हल्की होने से एक ही वाहन से लकड़ी की अपेक्षा ज्यादा घनफूट को ट्रांसपोर्ट कर सकते हैं. उत्पादन खर्च भी कम और ट्रांसपोर्ट खर्च भी कम होने से लकड़ी की अपेक्षा सस्ती कीमत में प्लाईवुड की बिक्री कर सकते हैं.
प्लाईवुड के प्रचलन का एक कारण यह भी है की प्लाईवुड से तैयार की हुई वस्तुएं या उत्पादित फर्नीचर जल्दी खराब भी नहीं होने कारण तथा प्लाईवुड को बैंड भी नहीं होता. प्लाईवुड का प्रसारण अथवा संकुचन भी नहीं होता, इसे को दीमक भी नहीं लगती साथ लकड़ी की अपेक्षा ज्यादा और मजबूत भी होता है.
मार्किट (Market)
लकड़ी लकड़ी के पैनल की समग्र मांग के मामले में प्लाइवुड सबसे महत्वपूर्ण उत्पाद है और भारतीय प्लाईवुड उद्योग के लिए बाजार का आकार लगभग है. INR 18,000 करोड़. पिछले पांच वर्षों में, खंड में 6-7% की सीएजीआर देखी गई। भारतीय प्लाईवुड उद्योग असंगठित क्षेत्र द्वारा नियंत्रित बाजार हिस्सेदारी के 75% के साथ अत्यधिक खंडित है, जबकि अवशिष्ट 25% संगठित क्षेत्र के साथ है.
अंतिम-उपयोग के आधार पर बाजार को वाणिज्यिक और आवासीय के रूप में विभाजित किया गया है. आवासीय क्षेत्र भारतीय प्लाईवुड के लिए सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जो कुल शेयरों के आधे से अधिक के लिए जिम्मेदार है. रिपोर्ट ने प्रतिस्पर्धी परिदृश्य के आधार पर बाजार का विश्लेषण भी किया है और प्रमुख खिलाड़ियों का विवरण प्रदान करता है.
कुछ प्रमुख खिलाड़ी हैं ग्रीनप्ले, सेंचुरी प्लायबोर्ड्स लिमिटेड, मेरिनो, किटप्लेस, यूनिप्ली आदि.
मशीनरी (Machinery)
प्लाईवुड निर्माण में लगने वाली कुछ मुख्य मशीन:
डिलाइट प्रेस, ट्रिमिंग और साइज़ मशीन, क्रॉस कट आरा मशीन, डोक्टर रोलर, ग्लू स्प्रेडर, फिलिंग मशीन, अन्रिलिंग मशीन,हैवी ऑटोमेटिक क्लिपर, सीजनिंग भट्टी, बायलर, रोटर कट मिलर, डबल ड्रम सेंटर, ब्लेड हिटिंग सिस्टम आदि मशीनरी है.
सैंपल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (Project Report In Hindi)
प्रोजेक्ट के लिए जगह और ईमारत की आवश्यकता:
जगह स्वयं या किराये की | २०,००० sq.ft. |
बिल्डिंग | 1०,००० sq.ft. |
मेन पॉवर (men power) | |
कुशल | 4 |
अर्ध कुशल | 4 |
अकुशल | 10 |
डेवलपमेंट के लिए लगनेवाला खर्च:
लेवलिंग, फंसिंग तथा अन्य | 1,00,000/- |
बिल्डिंग की आवश्यकता :
बिल्डिंग | 10,000/- |
प्रोजेक्ट के लिए यन्त्र सामग्री (tools):
tools | 65०००/- |
अन्य निश्चित संपत्ति का खर्च:
ऑफिस फर्नीचर | 25,000/- |
वर्कशॉप फर्नीचर | 30,000/- |
अन्य साहित्य | 10,000/- |
कुल खर्च | 65,000/- |
ओपनिंग कैपिटल :
कच्चा माल | 12,00,000/- |
पक्का माल | 24,00,000/- |
प्रतक्ष खर्च | 12,00,000/- |
कुल खर्च | 48,00,000/- |
वार्षिक कच्चे माल की आवश्कता:
कच्चा माल | 1,44,00,000/- |
उपयुक्तता की आवश्यकता :
बिजली | 1,30,000/- |
इंधन | 50,000/- |
पानी | 10,000/- |
कुल खर्च | 1,90,000/- |
मनुश्यबल की आवश्यकता:
कुशल | 4,00,000/- |
अर्ध कुशल | 3,00,000/- |
अकुशल | 6,00,000/- |
कुल खर्च | 93,00,000/- |
रख रखाव का खर्चा:
बिल्डिंग | 60,000/- |
यन्त्र सामग्री | 70,000/- |
अन्य संपत्ति भार | 6,000/- |
कुल खर्च | 1,36,000/- |
उत्पादन पूर्व प्राथमिक खर्च :
प्रोजेक्ट रिपोर्ट | 10.000/ - |
मार्किट रिसर्च | 5,000/- |
क़ानूनी मार्गदर्शन सलाह | 10,000/- |
कुल खर्च | 25,000/- |
Depreciation की आवश्यकता:
इमारत | 60.000/ - |
मशीन | 70,000/- |
अन्य स्थिर संपत्ति | 6,000/- |
कुल खर्च | 1,36,000/- |
प्रशासकीय खर्च:
व्यवस्थापक | 1,20.000/ - |
पर्यवेक्षक | 90,000/- |
वाचमेन | 60,000/- |
कुल | 2,70,000/- |
यातायात | 50,000/- |
सफ़र | 10,000/- |
फ़ोन बिल | 2,000/- |
अन्य | 1,000/- |
कुल | 63,000 |
बिक्री खर्च | |
बिक्री व्यवस्तापक | 1,00000/- |
बिक्री प्रतिनिधि (2) | 80,000/- |
लगभग प्रोजेक्ट का वर्किंग कैपिटल:
जगह का विकास खर्च | 1,00.000/ - |
ईमारत | 10,00,000/- |
मशीन | 65,00,000/- |
अन्य स्थिर संपत्ति का खर्च | 65,000/- |
उत्पादन पूर्व प्रशासनिक खर्च | 25,000/- |
कुल | 76,90,000/- |
ओपनिंग कैपिटल | 48,00,000/- |
कुल लागत | 1,24,80,000/- |
स्वयं का | 35% |
बैंक का कर्ज | 65% |
प्रोजेक्ट का वार्षिक उत्पादन खर्च :
कच्चा माल | 1,44,00,000/ - |
उपयुक्तता | 1,90,000/- |
वेतन का खर्च | 13,00,000/- |
देखभाल रख रखाव | 1,36,000/- |
Depreciation | 9,36,000/- |
प्रशासकीय, यातायात , बिक्री खर्च | 51,13,000/- |
कर्ज का ब्याज | 8,00,000/- |
कुल | 2,20,75,000/- |
सालाना बिक्री | 2,73,15,000/- |
सालाना फायदा | 52,40,000/- |
नोट: उपरोक्त प्रोजेक्ट रिपोर्ट अध्यन तथा एक अंदाजा लगाने के लिए है. यह वास्तविक आंकड़ें नहीं बल्कि उसके आसपास को इंगित करते है.
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