गुरुवार, 28 मई 2020

आसानी से दाल मिल यूनिट लगायें और लाखो रुपये कमायें

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आज ज्यादातर लोग चाहते हे की उनका स्वयं का कोई बिज़नेस हो. उनकी कोई कंपनी हो, जिसमे उनको लाखो रुपयों की कमाई हो. वह भी बतौर एक बड़े बिज़नेसमेन समाज में जाने जाए. परन्तु व्यवसाय शुरू करना कोई आसान काम नहीं है. कुछ लोग हिम्मत करके अपना व्यवसाय प्रारंभ भी करते है लेकिन व्यवसाय की सही जानकारी न होने की वजह से नुकसान भी उठाना पड़ता है. वर्त्तमान परिपेक्ष्य में कोई बिज़नेस शुरू करना उतना कठिन नहीं है जितना अतीत में हुआ करता था. केवल दृढ़ संकल्प की आवश्यकता है.

अगर आप भी अपना कोई व्यवसाय शुरू करना चाहते है तो दाल मिल लगाकर व्यापर शुरू कर सकते है. इस व्यवसाय को बिना कोई बड़े निवेश के साथ आसानी से स्टार्ट किया जा सकता है. जिसमे आपको हर महीने लाखो की कमाई भी हो सकती है.
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दाल मिल व्यवसाय को समझें (what is pulses mill business)


भारत में दाल का बहुत महत्व है. यह प्रमुखता से सम्पूर्ण भारत में इस्तेमाल होती है. दाल का उपयोग नियमित भोजन के अलावा food processing   में भी किया जाता है.भारत दुनियाँ में सबसे बड़ा दाल उत्पादक देश है. इंडियन पल्स एंड ग्रेन एसोसिएशन के मुताबिक भारत में दालों का घरेलू खपत प्रतिवर्ष 2.5 करोड़ टन है. इन तथ्यों से साफ पता चलता है की दाल का बिज़नेस करना कितना फायदेमंद है. यह एक ऐसा बिजनेस है, जिसमें कई तरह की दालों को मशीनों की सहायता से तैयार कर बेचा जाता है. इसके लिए दाल मिल खोलने की आवश्कयता पड़ती है. इसमें एक विशेष तरह की मशीनरी लगाई जाती है. इसकी मदद से तुअर दाल, मूंग दाल, मसूर दाल, उरद दाल, चने की दाल आदि तैयार कर सकते हैं.

यदि आप दाल मिल का plant लगाने के इछूक है तो आपके पास दो विकल्प है full plant और mini plant. आप अपने बजट के अनुसार दाल मिल की शुरुआत कर सकते है.

यह समझना भी जरुरी है की दाल का उत्पाद नहीं किया जाता है. दाल खेत में किसान द्वारा उगाया जाता है. परन्तु उसमे कंकड़, पत्थर, छिलके आदि कई अशुद्धियां होती है जिनको प्रथक किया जाता है. कुछ दाले एसी होती है जिनको तेल से पॉलिश किया जाता है. दाल मिल से तात्पर्य यह है की कोई भी दाल ग्राहकों तक पहुँचने से पहले बाजार के अनुसार योग्य बनाया जाता है.



दाल मिल के लिए निवेश (pulses mil business cost)


किसी भी व्यवसाय को स्टार्ट करने के लिए जो सर्व प्रथम और महत्वपूर्ण तथ्य होता है वह है बजट या बिज़नेस की लागत. इसलिये जानकारों की हमेशा सलाह यही होती है की जब भी कोई नया व्यापर शुरू करे तो बजट की प्लानिंग बहुत ही सटीक होना जरुरी है. किसी भी व्यवसाय की सफलता और असफलता में बहु कारणों में से एक कारण बजट होता है, एक्सपर्ट्स की माने तो जब भी व्यवसाय की आर्थिक नियोजन करें तो उसमे में plan B जरुर रखें.

जैसा की हमने पहेले बताया की दाल मिल plant में दो विकल्प मिलते है full plant तथा mini plant. यदि हम mini plant की बात करें तो जगह, सारी मशीनरी, रॉ मटेरियल, मार्केटिंग cost, माल भाडा, मेहनताना इत्यादि मिलाकर 5 लाख का निवेश लाजमी होता है.

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दाल मिल में दाल बनाने की प्रक्रिया ()


उदाहरण के लिए हम आपको मशीन से चने की दाल बनाने की प्रकिया बता रहे हैं. बता दें कि दाल बनाने पर प्रति घंटे 100 किलो फसल से 25 किलो तक की दाल निकलती है.

इस कार्य में प्रयोग होने वाली मशीन पूर्णतया स्वचालित होती है, अतः इसे चलाना आसान होता है. कल्पना कीजिये आप चने की दाल निकालना चाहते हैं. इस प्रक्रिया को समझने पर आपको अन्य दाल निकालने की प्रक्रिया भी समझ आ जायेगी.



· चने से चने की दाल निकालने के लिए सर्वप्रथम चने को भिगो कर रखने की आवश्यकता होती है.

· इसके बाद भिगोए गये चने को मशीन में डाल दिया जाता है. इस मशीन का ऊपरी हिस्सा इस तरह का बना हुआ होता है, जहाँ पर दाल डाले जा सकते हैं.

· इसके बाद मशीन की दूसरी तरफ से दाल निकलने लगती है. नई दाल को पूरे एक दिन तक सुखाने की आवश्यकता होती है.

· इसके बाद एक बार और इसे मशीन में डाल कर निकाला जाता है, जिससे दाल पूरी तरह से बन कर अच्छे से तैयार हो जाती है.

· इस तरह से दाल बनाने पर प्रति घंटे 100 किलो फसल से 25 किलो तक की दाल निकलती है. 



दाल मिल के व्यापार के लिए लाइसेंस (Dal Mill Business License)


दाल मिल लगाने के लिए आपको सबसे पहले अपने फर्म को पंजीकृत कराने की आवश्यकता होती है. आप चाहे तो अपने फर्म का उद्योग आधार अथवा एमएसएमई की सहायता से लाइसेंस पाने के लिए अप्लाई कर सकते है. यदि आप अपनी प्रोडक्ट की ब्रांडिंग खुद से ही करते है, इसके लिए आपको खाद्य मंत्रालय(fssai) से लाइसेंस की अनुमति लेनी होगी. आपको खुद के फर्म के लिए एक पैन कार्ड तथा एक करंट अकाउंट बनवाना बहुत जरुरी है. व्यापार का सारा स्थान्तरण इसी चालू खाते की सहायता से होता है. 

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दाल की पैकेजिंग (Dal Packing)


· बाजार में डाल पैक करने वाली बोरी उपलब्ध होती हैं, जिसको खरीद कर डाल की पैकेजिंग की जा सकती है. .

· अपने प्रोडक्ट की पैकेजिंग के लिए विशेष कंसन्ट्रेट का उपयोग करना चाहिए.

· पैकेट में अपने ब्रांड का ट्रेडमार्क लगाना चाहिए, ताकि दाल की मार्केटिंग भी आसानी से हो जाए.

· आप ब्रांड का प्रचार भी करा सकते हैं.



दाल एवं दाल मिल की कुछ अन्य जानकारी

  • दाल प्रोटीन की मुख्य एवं सस्ती स्त्रोत है.

  • दालो को भारतीय परिवारों में आम आहार के रूप में जाना जाता है

  • कुपोषण दूर करने के लिए दालों का अहम् योगदान है.

  • दाल मिल उद्योग मुख्य रूप से लघु उद्योगों के अंतर्गत आते है.

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