सोमवार, 31 अगस्त 2015

यही समय की मांग है

Business Idea I Hindi I 

Yahi samay ki mang hai in hindi



साधारणतया हमारे समाज में यही माना जाता है की  व्यवसाय केवल विशेष  वर्ण या जाति के लोग ही कर सकते  है क्यूंकि व्यापार करना और उसे  सफलता पूर्वक चलने  में यह लोग माहिर होते है और पीढ़ी दर पीढ़ी यही इनका कर्म है. यह बात शत प्रतिशत सत्य है .लेकिन अब समय बदल रहा है, लोगो की सोच में परिवर्तन हो रहा है, लोगो की जरूरते बढती जा रही है. आज किसी भी व्यक्ति से यह सवाल किया जाए की क्या वह अपनी आर्थिक स्थिति से संतुष्ट है तो शायद ही किसी का जवाब हां में मिलेगा. वर्तमान समय की बात  करे तो हम सबलोग आर्थिक रूप से सक्षम होना चाहते है दुनिया की हर सुख सुविधा से  लैस अपना जीवन जीना चाहते है. परन्तु प्रश्न यह उठता है की अपनी आर्थिक उन्नति केसे करे ? इसका कोई मंत्र है क्या ?आपको बताऊ  जब मैंने अपना स्वयम का consultancy का काम शुरू किया था तो जो मेरा कांसेप्ट आईडिया का पिटारा ज्यादातर लोगो को  समझ नहीं आया. अधिकतर लोगो को लगा की जिस तरह बाज़ार में मिलने वाले instant noodles या  instant dosa के पैकेट की तरह ही है तुरंत पैसा कमाने के आईडिया देते होंगे जिनको अप्लाई करके रातो रात पैसे कमा सकते है .हालाकि बाद लोगो को समझ आने लगा की idea ka pitara क्या काम करता है. 


सबसे पहले अपनी सोच बदलें 

मुद्दा यह की जब लोग मुझसे यह पूछते थे की हम अपनी आय कैसे बढायें ? अपनी आर्थिक परिस्थिति में सकारात्मक परिवर्तन कैसे करें ? कोन्सी  बैंक  ज्यादा ब्याज दे रही है.तरह -तरह के चिट फंड  स्कीम के बारे में पूछते थे . मैंने उन सबसे एक ही बात बोली ओर सच कहूँ तो में भी इस बात पर ही  विश्वास  करता हूँ, की सबसे जरुरी है अपनी सोच बदले अपना सोचने का नजरिया बदले अपने कान ओर आँखे हमेश खुले रखें,समस्या से ज्यादा उसके हल ध्यान पर केन्द्रित करे. और किसी भी नतीजे पर पहुचने से पहले उस बात के हर पहलु पर ग़ोर करे. हो सकता है आपको यह मेरी बात जच नहीं रही होगी. लेकिन यह दौर जो चल रहा है वह परिवर्तन का है  इस समय राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, प्रोद्योगिकी, आर्थिक एवं अन्य कई पक्ष है जो बदलाव देख रहे है. यह समय बहुत ही महत्वपूर्ण है क्यूंकि यही समय आपका भविष्य निर्धारित  करेगा. यही समय आपके आनेवाले जीवन में उपलब्धियों और कमियों को परखेगा.  इसलिए इस  समय बहुत ही सावधानीपूर्वक चलना होगा और अपने विवेक का सही इस्तेमाल करना होगा. अभी जो नयी विचारधरा  या परिवर्तन की प्रक्रिया चल रही है एक बार स्थापित होने के बाद अगले १०० या १५० साल  तक यही विचारधारा अग्रणी रहेगी.आने वाली पीढ़ी इसे अनुसरण करेंगी .




आनेवाला  समय आपका है 

शायद बहुत से लोग मेरे  उपरोक्त कथन से सहमत नहीं होंगे और हो सकता है की कुछ दोस्तों को मेरी बात समझ भी  नहीं आई होगी. लेकिन यह बात इतनी गहरी है की जब मैंने ओर मेरी पत्नी ने इसे महसूस किया तो अपने आप को हमलोगों ने  एक विकट परिस्थिति में पाया. जिसमे डर के आलावा कुछ  नहीं था. जी... नहीं ...आपलोगों को  डराने का मेरा कोई इरादा नहीं है. बल्कि आप लोग भी इस  बात से अवगत हो और अपने भविष्य के लिए ठोस रणनीति  बनाये यही मेरा उदेश्य है . आप लोगो को ज्यादा भ्रमित  न करते हुए  भविष्य के उस  विकट संकट अवगत कराता  हूँ.  हुआ ये की एक दिन अचानक मेरे मन में आया की मै जो नौकरी कर रहा हूँ वह नौकरी कब तक कर पाउँगा ? एक न एक दिन मुझे सेवा निवृत होना है या जब तक शारीर साथ देगा तब तक. उसके बाद क्या है  मेरी आमदनी का जरिया ? ऊपर से प्राइवेट जॉब में प्रतिदिन नयी नयी प्रतिस्पर्धा और चुनोतियों से भरा  होता है. जहाँ आपके  परफॉरमेंस में थोड़ी भी गिरावट आयी तो कंपनी आपको बहार का रास्ता दिखने में जरा भी गुरेज नहीं करती है. मै अपने माता पिता को देखता हूँ  वह सरकारी विभाग से सेवा निवृत है ओर उन्हें सरकार से इतनी पेंशन मिलती है की दुनिया में  किसी भी जगह पर वह  रह सकते है आज भी वह आर्थिक रूप से  किसी पर भी आश्रित नहीं है. लेकिन मैंने अपने आप से पूछा मेरे लिए क्या यह संभव है ? क्या मै अपने माता पिता की तरह retirement के बाद सरल जीवन जी पाउँगा ? शायद नहीं. और जब मैंने  इस बात का चिंतन किया तो जन्म हुआ आईडिया का पिटारा का.

नियम निर्धारण 

मैंने अपनी चिंता अपनी पत्नि से साझा की तो उनका भी मुझे भरपूर समर्थन मिला. ओर फिर खोज शुरू हुई एक ऐसे भविष्य की निति बनाने की जहाँ इस डर को पूरी तरह से काबु किया जा सके. इसी प्रक्रिया के तहत हमारे मन में विचार आया की हमरे जैसे कई दोस्त है जिनका वर्तमान तो सुदृढ़ है परन्तु उनका भविष्य उतना उज्वल नहीं है.इस तरह हमने दो साल मेहनत के बाद  परामर्श का कार्य शुरू किया. जिसमे हम लोगो को उनके बजट एवं रूचि अनुसार व्यवसाय स्थापित करने में पूरी तरह मदद करते है. आईडिया का पिटारा की अपनी एक philosophy है,परिकल्पना है की business करने के लिए पूंजी से ज्यादा इच्छा शक्ति की जरुरत है. हमारा मानना है की यदि कोई  व्यक्ति  अपना स्वयं का व्यापर शुरू करना चाहता  है खासतौर से वह  दोस्त जो नौकरी कर रहे है, उन्हें किसी भी प्रकार की हड़बड़ी नहीं करनी चाहिए. वह लोग अपनी वर्तमान नौकरी के साथ  छोटा सा व्यवसाय प्रारंभ कर सकते है.जिसे हम पार्ट टाइम भी बोल सकते है  एक नवजात शिशू की तरह उसकी देख भाल करे उसे समय दें उसका पूरा ध्यान रखे.जिस तरह माँ बाप  अपने बच्चों का ख्याल रखते है उसी तरह अपने नए व्यवसाय की  केयर करे तथा आप देखेंगे  धीरे धीरे  वह बढेगा ओर जब उसकी सही मायने में आपको जरुरत होगी वह आपकी हर इच्छा पूरी करेगा. इस कार्य को सम्पादित करने के लिये यदि आपको किसी भी प्रकार की मदद या मार्गदर्शन की आवश्कता पड़ती है तो आईडिया का पिटारा हर संभव प्रयास आपके लिए करेगा.

यदि आप अपना किसी भी प्रकार का व्यवसाय शुरू करना चाहते है और आपको कोई मदद की जरुरत है कोई संदेह या कुछ जानकारी चाहिए तो आप कमेन्ट सेक्शन में कमेन्ट कर सकते है या हमें मेल भी कर सकते है.

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